"धर्म": अवतरणों में अंतर
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सनातन धर्म में चार [[पुरुषार्थ]] स्वीकार किए गये हैं जिनमें धर्म प्रमुख है। तीन अन्य पुरुषार्थ ये हैं- अर्थ, काम और मोक्ष।
[[गौतम ऋषि]] कहते हैं - 'यतो अभ्युदयनिश्रेयस सिद्धिः स धर्म।' (जिस काम के करने से '''अभ्युदय''' और '''निश्रेयस''' की सिद्धि हो वह धर्म है। )
[[मनु]] ने मानव धर्म के '''दस लक्षण''' बताये हैं:
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