"बलराम": अवतरणों में अंतर

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बलभद्र या बलराम श्री [[कृष्ण]] के सौतेले बड़े भाई थे जो रोहिणी के गर्भ से उत्पन्न हुए थे। बलराम, हलधर, हलायुध, संकर्षण आदि इनके अनेक नाम हैं। बलभद्र के सगे सात भाई और एक बहन [[सुभद्रा]] थी जिन्हें चित्रा भी कहते हैं। इनका ब्याह रेवत की कन्या [[रेवती]] से हुआ था। कहते हैं, रेवती 21 हाथ लंबी थीं और बलभद्र जी ने अपने हल से खींचकर इन्हें छोटी किया था।
 
इन्हें नागराज अनंत का अंश कहा जाता है और इनके पराक्रम की अनेक कथाएँ पुराणों में वर्णित हैं। ये गदायुद्ध में विशेष प्रवीण थे। [[दुर्योधन]] इनका ही शिष्य था। इसीऔर सेदुर्योधन कईकी बारजंगा इन्होंनेतोड़ने जरासंधपर भीम को पराजितबलराम कियाने था।क्रोध श्रीकृष्णमें आकर मृत्युदंड देने का निर्णय लिया किन्तु देवकी नंदन कृष्ण ने भीम द्वारा प्रतिज्ञा और दुर्योधन की कपट को याद दिला कर बलराम का क्रोध शांत किया। और बलराम ने दुर्योधन को अपना शिष्य बतातेेेेे हुए कहा कि मुझे अपने शिष्य दुर्योधन पर गर्व है और अपने बुआ केे पुत्र भीम द्वारा इस छल पर कभी भीम को माफ नहीं करूंगा और श्रे्री कृष्ण के पुत्र शांब जब दुर्योधन की कन्या लक्ष्मणा का हरण करते समय कौरव सेना द्वारा बंदी कर लिए गए तो बलभद्र ने ही उन्हें दुड़ाया था। स्यमंतक मणि लाने के समय भी ये श्रीकृष्ण के साथ गए थे। मृत्यु के समय इनके मुँह से एक बड़ा साँप निकला और प्रभास के समुद्र में प्रवेश कर गया था।
 
{{महाभारत}}
"https://hi.wikipedia.org/wiki/बलराम" से प्राप्त