No edit summary
टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
No edit summary
टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 1:
सुमति का एक सुन्दर परिणाम,सुगति को प्राप्त हुआ मतभेद|द्वेष के सभी पहल को त्याग,प्रकट की भूतकाल पर खेद|पुनः व्यापार हुआ प्रारम्भ,रहेंगे मार्ग नही एकान्त।
द्वेष के सभी पहल को त्याग,प्रकट की भूतकाल पर खेद|
पुनः व्यापार हुआ प्रारम्भ,रहेंगे मार्ग नही एकान्त।
मिलकर अब दोनो नगरें,करेंगे हर दिन का मधुरान्त|
मगध से बीस मील पश्चिम,घने जंगलों के अतिपार|
Line 8 ⟶ 6:
विजय सा लहराते किसलय,अवनी का शुभ सर्वोचित वस्त्र.....
 
<br />
<code>ह</code>