"रामायण": अवतरणों में अंतर

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* [[सीता]] का पतिव्रत महान है। सारे वैभव और ऐश्वर्य को ठुकरा कर वे पति के साथ वन चली गईं।
 
* रामायण भातृ-प्रेम का भी उत्कृष्ट उदाहरण है। जहाँ बड़े भाई के प्रेम के कारण [[लक्ष्मण]] उनके साथ वन चले जाते हैं वहीं [[भरत]] [[अयोध्या]] की राज गद्दी पर, बड़े भाई का अधिकार होने के कारण, स्वयं न बैठ कर [[राम]] की पादुका को प्रतिष्ठित कर देते हैं।<ref name=":0">{{Cite web|url=https://hindi.speakingtree.in/blog/Content-361524|title=रामायण की सीख|last=|first=|date=|website=Speaking tree|archive-url=|archive-date=|dead-url=|access-date=}}</ref>
 
* [[कौशल्या]] एक आदर्श माता हैं। अपने पुत्र [[राम]] पर [[कैकेयी]] के द्वारा किये गये अन्याय को भूला कर वे [[कैकेयी]] के पुत्र [[भरत]] पर उतनी ही ममता रखती हैं जितनी कि अपने पुत्र [[राम]] पर।<ref name=":0" />
 
* [[हनुमान]] एक आदर्श [[भक्त]] हैं, वे [[राम]] की सेवा के लिये अनुचर के समान सदैव तत्पर रहते हैं। [[शक्तिबाण]] से मूर्छित [[लक्ष्मण]] को उनकी सेवा के कारण ही प्राणदान प्राप्त होता है।हुए।
 
* [[रावण]] के चरित्र से सीख मिलती है कि अहंकार नाश का कारण होता है।