"बाड़मेर": अवतरणों में अंतर

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जितेन्द्र सियोल'}}'बाड़मेर''' [[राजस्थान]] राज्य के दूसरे सबसे बड़े ज़िले, [[बाड़मेर जिला|बाड़मेर ज़िले]], का मुख्यालय है। यह क्षेत्र देश के सबसे बड़े तेल और कोयला उत्पादक क्षेत्रों में से एक है। इस शहर की स्थापना [[बहाड़ राव]] ने 13वीं शताब्दी में की थी। उन्हीं के नाम पर इस जगह का नाम बाड़मेर पड़ा यानि बार का पहाड़ी किला। एक समय ‘मालाणी' के नाम से जाना जाने वाला बाड़मेर अपनी जीवंतता के कारण सैलानियों को बहुत भाता है। बाड़मेर की यात्रा की एक विशेषता यह भी है कि यह हमें राजस्थान के ग्रामीण जीवन से रूबरू कराता है। यात्रा के दौरान रास्ते में पड़ने वाले गांव, पारंपरिक पोशाकें पहने लोग और रेत पर पड़ती सुनहरी धूप, बाड़मेर की यह मनोरम छवि आंखों में बस जाती है। मार्च के महीने में पूरा बाड़मेर रंगों से भर जाता है क्योंकि वह वक्त ‘बाड़मेर महोत्सव’का होता है। यह समय यहां आने का सबसे सही समय है।
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जितेन्द्र सियोल''बाड़मेर''' [[राजस्थान]] राज्य के दूसरे सबसे बड़े ज़िले, [[बाड़मेर जिला|बाड़मेर ज़िले]], का मुख्यालय है। यह क्षेत्र देश के सबसे बड़े तेल और कोयला उत्पादक क्षेत्रों में से एक है। इस शहर की स्थापना [[बहाड़ राव]] ने 13वीं शताब्दी में की थी। उन्हीं के नाम पर इस जगह का नाम बाड़मेर पड़ा यानि बार का पहाड़ी किला। एक समय ‘मालाणी' के नाम से जाना जाने वाला बाड़मेर अपनी जीवंतता के कारण सैलानियों को बहुत भाता है। बाड़मेर की यात्रा की एक विशेषता यह भी है कि यह हमें राजस्थान के ग्रामीण जीवन से रूबरू कराता है। यात्रा के दौरान रास्ते में पड़ने वाले गांव, पारंपरिक पोशाकें पहने लोग और रेत पर पड़ती सुनहरी धूप, बाड़मेर की यह मनोरम छवि आंखों में बस जाती है। मार्च के महीने में पूरा बाड़मेर रंगों से भर जाता है क्योंकि वह वक्त ‘बाड़मेर महोत्सव’का होता है। यह समय यहां आने का सबसे सही समय है।
 
बाड़मेर के पहले शहीद मंगल सिंह राणावत थे