"उत्तरकाण्ड": अवतरणों में अंतर

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# [http://wikisource.org/wiki/रामायण_उत्तरकाण्ड वाल्मीकि रामायण - उत्तरकाण्ड का मूल पाठ] (विकीस्रोत पर)
'''[https://sites.google.com/site/kavitahindikavita/ramcharitmanas-tulsidas सम्पूर्ण रामचरितमानस तुलसीदास जी रचित]'''{{साँचा:श्री राम चरित मानस}}बैनतेय सुनु संभु तब आए जहँ रघुबीर।
 
== बाहरी कड़ी ==
'''[https://sites.google.com/site/kavitahindikavita/ramcharitmanas-tulsidas सम्पूर्ण रामचरितमानस तुलसीदास जी रचित]'''{{साँचा:श्री राम चरित मानस}}बैनतेय सुनु संभु तब आए जहँ रघुबीर।
 
बिनय करत गदगद गिरा पूरित पुलक सरीर।।13ख।।