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'''मल्लाह''' [[उत्तर]] [[भारत]], [[पूर्वी भारत]], [[पूर्वोत्तर भारत]] और [[पाकिस्तान]] के पारंपरिक [[नाविक]] और [[मछुआरा|मछुआरे]] [[जनजाति|जनजातियाँ]] या [[समुदाय]] हैं। मल्लाह की एक महत्वपूर्ण संख्या [[नेपाल]] और [[बांग्लादेश]] में भी पाई जाती है। भारत के [[बिहार]] राज्य मे मल्लाह को [[निषाद]] भी बोला जाता है।<ref>{{Cite web|url=https://pdf.usaid.gov/pdf_docs/PNADM638.pdf|title=भारत की जनजातियां|last=|first=|date=|website=|archive-url=|archive-date=|dead-url=|access-date=}}</ref>
'''मल्लाह''' भारतवर्ष की यह एक आदिकालीन [[मछुआरा]] जाति है। मल्लाह जाति मूल रूप से हिन्दू धर्म से सम्बंधित है। यह आखेटक अर्थात शिकारी जाति है। इनका उल्लेख [[महाभारत]] एवं [[रामायण]] जैसे भारत के प्राचीन धार्मिक ग्रन्थों में मिलता है।{{cn|date=मई 2019}} यह जाति प्राचीनकाल से जल, जंगल और ज़मीन पर आश्रित है। यह बहुत ही कठिन संघर्ष परिश्रमी करने वाले होते हैं
 
मल्लाह उत्तर प्रदेश में [[खड़ी बोली]], [[अवधी]] और [[हिंदी]] बोलते हैं। अधिकांश मल्लाह [[हिंदू]] हैं हालांकि मुस्लिम मल्लाह की संख्या कम है।<ref>''People of India Delhi Volume XX edited by T Ghosh & S Nath pages 445 to 448 Manohar Publications''</ref>
 
बिहार मे मल्लाह हिंदू देवता निषाद के वंशज होने का दावा करते हैं। वे मैथिली की अंगिका बोली और हिंदी की भोजपुरी बोली बोलते हैं। मल्लाह समुदाय में तीन उप-जातियां शामिल हैं, ढोर, परबटिकुरिन और सेमेरी।<ref>People of India Bihar Volume XVI Part Two edited by S Gopal & Hetukar Jha pages 668 to 670 Seagull Books</ref>
 
== सन्दर्भ ==
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