"कांशीराम": अवतरणों में अंतर

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'''पुस्तकें [स्रोत संपादित करें]'''
 
सन 1982 में, कांशीराम ने "द चमचा युग" (The Era of the Stooges) नामक पुस्तक लिखी, जिसमें उन्होंने दलित नेताओं के लिए चमचा (stooge) शब्द का इस्तेमाल किया था. उन्होंने कहा कि '''ये दलित लीडर केवल अपने निजी फायदे के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस जैसे दलों के साथ मिलकर राजनीति करते हैं. उन्होंने रामविलास पासवान, राम दस अठावले और जगजीवन राम जैसे नेताओं को सवर्ण पार्टियों, इंडियन नेशनल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी का चमचा कहा था.'''
 
उनकी पुस्तक बर्थ ऑफ़ BAMCEF भी प्रकाशित हुई थी. [27] उनकी जीवनी, कांशीराम: दलितों के नेता, बद्री नारायण तिवारी द्वारा लिखी गई थी. [28][29]. कांशीराम के भाषणों को एक किताब के रूप में अनुज कुमार द्वारा संकलित किया गया है इसका नाम है; "बहुजन नायक कांशीराम के अविस्मरणीय भाषण".इसके अलावा कांशीराम साहब के लेखन और भाषण को एस. एस. गौतम ने संकलित किया था जबकि कांशीराम द्वारा लिखे गए सम्पादकीय बहुजन समाज पब्लिकेशन ने 1997 में प्रकाशित किया था.