"द सर्पेण्ट एंड द रोप": अवतरणों में अंतर

No edit summary
No edit summary
पंक्ति 33:
 
== कहानी ==
यह लेखक के स्वयं की जीवन घटनाओ पर आधारित है I इसका मुख्य पात्र है रामास्वामी I जो कि एक जवान और पढ़ा लिखा व्यक्ति है I वह फ्रांस में पढाई कर रहा है और वहीँ पर ही उसने मैडेलिन नाम की फ़्रांसीसी महिला से शादी कर ली है I लेखक के शुरुआती व्याख्यान से हमे पता चलता है कि उन दोनों का वैवाहिक जीवन सही तरह से नहीं चल रहा I दोनों एक दूसरे से पूरी तरह खुश नहीं हैं I इनका पहला बच्चा , जन्म के सात महीने बाद ही मर जाता है I और अब रामास्वामी को समाचार मिलता है कि उसके पिता भी मृत्यु के नजदीक है I अत: उसे अब भारत वापिस आना होगा I
 
वह वापिस आता है और अपने पिता की मृत्यु पर अपने कर्तव्यों और जिम्मेवारियों का पालन करता है I यहाँ पर उसकी एक सोतेली माँ है जिसे वो छोटी माँ कह कर बुलाता है I वह फ्रांस के चला जाता है और अपने वैवाहिक जीवन की अस्थिरता और कमियों के बारे में सोचता रहता है I वह जीवन में अध्यात्मिक सच, ज्ञान और पूर्णता प्राप्त करना चाहता है I उसकी मुलाक़ात एक सावित्री नाम की लड़की से होती है जो कि लंदन में पढ़ती है I उसकी एक ऐसे आदमी से शादी होने वाली है जिसे वो प्यार नहीं करती I शुरू में तो रामास्वामी को सावित्री ज्यादा अच्छी नहीं लगती लेकिन धीरे धीरे वह उसके ख्यालों पर हावी होने लगती है I रामास्वामी अपनी पत्नी से मिलता है और अब उसे ये एहसास होता है कि उन दोनों के बीच दूरियां बहुत बढ़ चुकी हैं I उसकी माँ ने उसे मैडेलिन के लिए पाँव कि अंगूठियाँ दी थी आशीर्वाद के रूप में I लेकिन रामास्वामी अब हिम्मत नहीं कर पाता उसे वो उपहार देने की I दूसरी ओर , उसके दिमाग में सावित्री का ख्याल ही हावी होने लगा है जिस से अब उसे अपने वैवाहिक जीवन में कोई उम्मीद दिखाई नहीं देती I
 
== सन्दर्भ ==