"अबुल कलाम आज़ाद": अवतरणों में अंतर

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== पुरस्कार ==
 
उन्हे वर्ष 1992 में मरणोपरान्त [[भारत रत्‍न|भारत रत्न]] से सम्मानित किया गया।
उन्हे वर्ष 1992 में मरणोपरान्त [[भारत रत्‍न|भारत रत्न]] से सम्मानित किया गया।लेकिन आज के भारत देश मे उन्हे हिन्दू संस्कृति और उनके महान राजाओ के शौर्य और पराक्रम की जानकारी शिक्षा पद्धति मे पढ़ाने और जोड़ने से दूर रखा गया।उन पर आरोप है की उन्होने मुगलो और आक्रमणकारियों के शौर्य गाथा को भारत मे बढ़ा चढ़ा कर पेस किया और हिन्दू संस्कृति के राजाओ के शौर्य को बौना साबित करने मे कोई कसर नही छोड़ी ।उन्हे आज का समाज दूषित निगाह से देखता है।यह सही भी है ।
 
== इन्हें भी देखें ==