"मनोहर पर्रीकर": अवतरणों में अंतर

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[[भारतीय जनता पार्टी]] से गोआ के मुख्यमंत्री बनने वाले वह पहले नेता हैं। [[१९९४]] में उन्हें [[गोवा|गोआ]] की द्वितीय [[व्यवस्थापिका]] के लिये चयनित किया गया था। जून १९९९ से नवम्बर १९९९ तक वह विरोधी पार्टी के नेता रहे। २४ अक्टूबर् २००० को वह गोआ के मुख्यमन्त्री बने किंतु उनकी सरकार २७ फ़रवरी २००२ तक ही चल पाई। जून २००२ में वह पुनः सभा के सदस्य बने तथा [[जून ५]], [[२००२]] को पुनः गोआ के मुख्यमन्त्री पद के लिये चयनित हुए।
 
१३ मार्च २०१७ को भाजपा नेता मनोहर पर्रिकर ने '''गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ''' ली,राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।<ref>[{{cite news |last= |first= |date=14 मार्च 2017 |title=मनोहर पर्रिकर बने गोवा के मुख्यमंत्री, विधानसभा में गुरुवार को शक्ति परीक्षण |url=https://khabar.ndtv.com/news/india/manohar-parrikar-takes-oath-as-goa-chief-minister-trust-vote-on-16th-march-1669428] |work= |location= |access-date=19 मई 2020}}</ref> पर्रिकर ने गोवा में छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई है और चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
 
बी.जे.पी. को गोआ की सत्ता में लाने का श्रेय उनको ही जाता है। इसके अतिरिक्त भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव को अकेले गोआ लाने का तथा किसी भी अन्य सरकार से कम समय मे एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर की मूलभूत संरचना खड़ी करने का श्रेय भी उन्ही को जाता है। कई समाज सुधार योजनाओं जैसे दयानन्द सामाजिक सुरक्षा योजना जो कि वृद्ध नागरिकों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है, साइबरएज योजना, सी.एम. रोजगार योजना इत्यादि में भी उनका प्रमुख योगदान रहा है। उन्हें कई प्रतिष्ठित प्रतिभाओं जैसे [[डॉ॰ अनुपम सराफ]] तथा [[आर. सी. सिन्हा]] इत्यादि को सरकार में सलाहकार के तौर पर शामिल करने का श्रेय<ref>{{cite news |last= |first= |date=19 फ़रवरी 2004 |title=17 advisors appointed since 2001: Parrikar |url=http://www.hindu.com/2004/02/19/stories/2004021903060300.htm |work= |location= |access-date=19 मई 2020}}</ref> भी जाता है। [[प्लानिंग कमीशन ऑफ इन्डिया]] तथा [[इण्डिया टुडे|इंडिया टुडे]] के द्वारा किय गए सर्वे़क्षण के अनुसार उनके कार्यकाल में गोआ लगातार तीन साल तक भारत का सर्वश्रेष्ठ शासित प्रदेश रहा। कार्यशील तथा सिद्धांतवादी श्री पारिकर को गोआ में मि. क्लीन के नाम से जाना जाता है।
 
जनवरी २९, २००५ को ४ बी.जे.पी. नेताओं के इस्तीफा देने के कारण उनकी सरकार अल्पमत में आ गयी। श्री पारिकर ने दावा किया कि वह अपना बहुमत साबित करेंगे तथा फरवरी २००५ में ऐसा हुआ भी. किंतु बाद मे किसी कारणवश उन्हें अपना पद खोना पड़ा। लगातार विवादों के पश्चात मार्च २००५ में गोआ में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया किंतु जून २००५ में विरोधी नेता [[प्रताप सिंह राणे]] गोआ के मुख्यमंत्री बना दिये गये। दिनांक 17 मार्च 2019 की शाम को पहले मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी सूचना में उनका स्वास्थ्य अत्यधिक खराब होने की बात कही गयी थी परंतु कुछ ही देर बाद राष्ट्रपति कार्यालय से उनकी मृत्यु पर संवेदना व्यक्त करने से उनकी मृत्यु की पुष्टि हो गयी