23,869
सम्पादन
रोहित साव27 (चर्चा | योगदान) (2409:4043:2194:3C3D:3917:C553:B936:4D0F (वार्ता) द्वारा किए बदलाव 4668053 को पूर्ववत किया) टैग: किए हुए कार्य को पूर्ववत करना |
रोहित साव27 (चर्चा | योगदान) |
||
राजा महासिँह व गोपाल सिँह ने तथा बखतसिँह ने अपने निवास हेतु नबादा बाग मेँ अपना महल तथा अनेक सुन्दर भवन बनवाये थे एवँ चारोँ ओर प्राचीर भी बनवाई थी जिसके अन्दर शानदार इमारतेँ थीँ नौका बिहार के लिये राजा का तालाब व रानी का तालाब अलग अलग बनबाये गये थे इनमेँ फव्वारोँ से जल गिरता था भवनोँ पर सुवर्ण मय नक्काशी की गयी थी वर्तमान मेँ ये सुन्दर भवन खण्डहर मेँ परवर्तित हो नष्ट हो चुके हैँ भिण्ड जिला जब से सिन्धिया के अधीन हुआ तभी से नबादाबाग खण्डहर कर दिये गये थे तत्कालीन भिण्ड प्रदेश के भदावर तथा कछवाहोँ के लिये दौलतराव सिन्धिया एक क्रूर ग्रह के समान था जिसने उनकी स्वतन्त्र सत्ता का अन्त कर दिया भिण्ड जिला जबसे सिन्धिया के अधीन हुआ तभी से भिण्ड के किले मेँ सभी कार्यालय स्थापित कर दिये गये थे उस समय जिलाधीश को सूबा साहब कहा जाता था तब से लेकर नवीन भवन बनने तक कलेक्टर कार्यालय तथा कचहरी, दफ्तरोँ व कोषालय सहित समस्त आफिस भिण्ड किले मेँ ही स्थापित रहे वर्तमान मेँ किले के दरबार हाल मेँ पुरातत्व सँग्रहालय है एक भाग मेँ शासकीय कन्या महाविद्यालय सँचालित है एक भाग मेँ होमगार्ड कार्यालय तथा सैनिकोँ के निवास हैँ शेष भाग रिक्त है जो धीरे धीरे खण्डहर होता जा रहा है चारोँ ओर की प्राचीर मेँ अतिक्रमणकारी खुदाई मेँ लगे रहते हैँ इससे इस इतिहासिक धरोहर को छति पहुँच रही है।
[[श्रेणी:भिंड जिले के गाँँव अरेले का पूरा ,सीता राम की लावन,विजयगढ़,]]
[[श्रेणी:भिंड ज़िला]]
|