"वट सावित्री": अवतरणों में अंतर
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पुराण, व्रत व साहित्य में सावित्री की अविस्मरणीय साधना की गई है। सौभाय के लिए किया जाने वाले वट-सावित्री व्रत आदर्श नारीत्व के प्रतीक के नाते स्वीकार किया गया है।
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- पूजा स्थल पर पहले रंगोली बना लें, उसके बाद अपनी पूजा की सामग्री वहां रखें।
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