"मूल मंत्र": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Sri Guru Granth Sahib Nishan.jpg|thumb|230px|[[आदि ग्रन्थ]] का एक अंश जिसपर मूल मंतर दर्ज है]]
[[चित्र:Sikh mulmantar.png|thumb|230px|मूल मन्तर]]
'''मूल मंतर''' ([[पंजाबी भाषा|पंजाबी]]: ਮੂਲ ਮੰਤਰ) [[सिख धर्म]] पुस्तक [[आदि ग्रन्थ]] का सर्वप्रथम छंद है जिसमें सिख मान्यताओं को संक्षिप्त रूप में बताया गया है। यह [[गुरु ग्रन्थ साहिब]] में सिर्फसौ एकसे बारअधिक हीबार आया है।<ref name="ref51qulod">[http://books.google.com/books?id=-LOtnxxIGaYC Ik Onkar One God], Simran Kaur Arneja, pp. 12, Rashmi Graphics, ISBN 978-81-8465-093-8, ''... 'Ik Onkar. Satnam. Karta Purakh. Nirbhau. Nirvair. Akaal Moorat. Ajooni. Saibhang. Gurparshaad !! jap aadi sach, jugadi sach, hai bhi sach Nanak hosi bhi sach !!.' God is only One. His name is True ...''</ref>
अकाल पुरख छवि रहित, सर्व-व्यापक है!
मूल मंतर गुरु ग्रन्थ साहिब जी में पहले पृष्ठ पर प्रारंभ में ही दिया गया है! गुरु ग्रन्थ साहिब जी को सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा ११वें गुरु के रूप में १७०८ में प्रतिष्ठित किया गया था! तब से आज तक और चिर काल तक ये सिख धर्म के गुरु रहेंगे, इन्हे एक पुस्तक समझने की भूल न की जाये! इसमें ईश्वर की महिमा के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं है, यह कोई मान्यताओं का पिटारा नहीं!
अकाल पुरख या परमात्मा जिसे हम सिख वाहेगुरु के नाम से भी संबोधित करते हैं, छवि रहित है, न ही इसकी कोई छवि थी, न ही भविष्य में होगी! अकाल पुरख को सनातन छवि कह कर एक मिथ्या रूप देने की कोशिश की जा रही है, जबकि रूप रहित अकाल पुरख को सिख धर्म में सर्व-व्यापक माना जाता है, जो घट-घट में अर्थात ब्रह्माण्ड के प्रत्येक कण में मौजूद है! गुरु ग्रन्थ साहिब जी में यह मूल मंत्र केवल प्रारंभ में एक बार ही आया है! इसके अन्य रूप हमें मंगलाचरण के रूप में दृष्टिगोचर होते हैं!
सिख धर्म के प्रसिद्द लिखारी भाई गुरदास जी, जिन्हे गुरु ग्रन्थ साहिब को लिखने का सौभाग्य प्राप्त है, (अपने लिखित कवित्त, जिसे वार कहा जाता है) में ३९वीं वार में मूल मंत्र की व्याख्या करते हुए लिखते हैं कि, 'इक ओंकार सतिनाम करता पुरख से लेकर नानक होसी भी सच!!' तक मूल मंत्र है! अकाल पुरख का मतलब भी >>>>जो समय से परे है, जिस का कोई स्वरुप नहीं है! रेफेरेंस के लिए कृपया पंजाबी भाषा में लिखा यह ब्लॉग अवश्य देखें https://moolmantardasach.blogspot.com/
 
== मंत्र ==