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==गौत्र पद्धति==
जाट एक आदिकालीन समुदाय है और प्राचीनतम क्षत्रिय वर्ग है जिसकी अनेक अनुपम विशेषताएं हैं. इसकी सामाजिक सरंचना बेजोड़ है. इस जाति ने आदिकाल से कुछ सर्वमान्य सामाजिक मापदण्ड स्वयं ही निर्धारित कर रखे हैं और इनके सामाजिक मूल्यों का निरंतर संस्तरण होता आ रहा है. जाट समाज की गोत्र और खाप व्यवस्थाएं अति प्राचीन हैं और आज भी इनका पालन हो रहा है. जाट समाज में अपने वंश गोत्र के लोग परस्पर भाई-भाई की तरह मानते है.<ref>{{cite book|title=जाट समुदाय के प्रमुख आधार बिंदु|author=डॉ ओमपाल सिंह तुगानिया|publisher=जयपाल अजेन्सीज|year=2010|isbn=81-86103-96-1|page=42}}</ref>
जाट लोग विभिन्न गोत्रों में विभक्त हैं जिनमें से कुछ गौत्र एक दूसरे पर अधिव्यापित होती हैं।<ref>{{cite book |first=जे॰ए॰ |last=मार्शल |title=Guide to Taxila |trans-title=तक्षिला का मार्गदर्शन |publisher=कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस |year=1960 |page=24|language=अंग्रेज़ी}}</ref>
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