"बिश्नोई": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:राष्ट्रीय पर्यावरण शहीदी स्मारक खेजडली, जोधपुर .jpg|thumb|250px|खेजड़ली बलिदान स्मारक, जोधपुर।]]
एक घटना थी जिसमें सितंबर 1730 में जोधपुर के निकट [[खेजड़ली]] ग्राम में अमृता देवी के नेतृत्व में खेजड़ी के वृक्षों की रक्षा के लिए तत्पर बिश्नोई पंथ के 363 लोगों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया। मारवाड़ के राजा के लिए महल बनाए जाने हेतु पेड़ काटने के आदेश का अनुपालन कराने में मारवाड़ के राजा के सैनिकों द्वारा यह हत्याकांड किया गया।<ref name="Sahū2002">{{cite book|author=Banavārī Lāla Sahū|title=Paryāvaraṇa saṃrakshaṇa evaṃ Khejaṛalī balidāna|url=https://books.google.com/books?id=TtXaAAAAMAAJ|year=2002|publisher=Bodhi Prakāśana}}</ref>
यह विश्व भर में वृक्षों को बचाने के लिए अद्वितीय और सर्वोच्च बलिदान है।है!!
 
==इन्हें भी देखें==