"हृदय रोग": अवतरणों में अंतर

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★ हृदय की धमनियों में अवरोधवाले रोगियों को गौझरण अर्क सेवन से हृदय के दर्द में राहत मिलती है | अर्क 2 से 6 ढक्कन तक समान मात्रा में पानी मिलाकर ले सकते हैं | सुबह खाली पेट शाम को भोजन से पहले लेना चाहिए | हृदय दर्द बंद हो कर चुस्ती-फुर्ती बढ़ती है तथा बेहद खर्चीली बाईपास सर्जरी से मुक्ति मिलती है |
 
[https://e-gyan2020.blogspot.com/2020/05/heart-structure-and-function.html हृदय] रोगी को छिलकेवाले साबुत उबले हुए मूँग व मूँग की दाल, गेहूँ की रोटी, जौ का दलिया, परवल, करेला, प्याज, गाजर, अदरक, सौंठ, हींग,जीरा, काली मिर्च, सेंधा नमक, अजवायन, अनार, मीठे अंगूर, काले अंगूर खाने में इस्तेमाल करने चाहिए।
 
★ चाय, काफी, घी, तेल, मिर्च-मसाले, दही, पनीर,मावे से बनी मिठाईयाँ, टमाटर, आलू, गोभी, बैगन, मछली, अंडा, फास्टफूड, ठंडाबासी भोजन, भैंस का दूध, घी, फल, भिंडी नहीं खाने चाहिए।