"हिन्दू धर्म का इतिहास": अवतरणों में अंतर

क्या बालू की भीत पे टीका हे हिंदू धर्म
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{{हिन्दू धर्म सूचना मंजूषा}}
'''[[हिन्दू धर्म]]''' का [[इतिहास]] काअति सबसे नया धर्मप्राचीन है। इस धर्म को [[वेदकाल]] से भी पूर्व का माना जाता है,लेकिन अभी तक ईसका कुछ भी सबुत नही मिला हैक्योंकि [[वैदिक सभ्यता|वैदिक काल]] और वेदों की रचना का काल अलग-अलग माना जाता है। यहां शताब्दियों से मौखिक (तु वेदस्य मुखं) परंपरा चलती रही, जिसके द्वारा इसका इतिहास व ग्रन्थ आगे बढ़ते रहे। उसके बाद इसे लिपिबद्ध (तु वेदस्य हस्तौ) करने का काल भी बहुत लंबा रहा है। हिन्दू धर्म के सर्वपूज्य ग्रन्थ हैं वेद। वेदों की रचना किसी एक काल में नहीं हुई। विद्वानों ने वेदों के रचनाकाल का आरंभ २००० ई.पू. से माना है। यानि यह धीरे-धीरे रचे गए और अंतत: पहले वेद को तीन भागों में संकलित किया गया- [[ऋग्वेद]], [[यजुर्वेद]] और [[सामवेद संहिता|सामवेद]] जि‍से '''वेदत्रयी''' कहा जाता था। कहीं कहीं ऋग्यजुस्सामछन्दांसि को वेद ग्रंथ से न जोड़ उसका छंद कहा गया है। मान्यता अनुसार वेद का वि‍भाजन [[राम]] के जन्‍म के पूर्व पुरुंरवा राजर्षि के समय में हुआ था। बाद में अथर्ववेद का संकलन ऋषि‍ अथर्वा द्वारा कि‍या गया। वहीं एक अन्य मान्यता अनुसार [[कृष्ण]] के समय में [[वेदव्यास|वेद व्यास]] कृष्णद्वैपायन ऋषि ने वेदों का विभाग कर उन्हें लिपिबद्ध किया था। मान्यतानुसार हर द्वापर युग में कोई न कोई मुनि व्यास बन वेदों को ४ भागों में बाटता है।
 
[[चित्र:Rigvedic geography.jpg|thumb|250px|left|[[ऋग्वेद]] का भूगोलीय क्षितिज (जिसमें [[ऋग्वेद काल की नदियां|नदियों के नाम]] एवं [[सीमेटरी एच]] दिये हैं। ये [[हिन्दु कुश|हिन्दूकुश]] और [[पंजाब क्षेत्र|पंजाब]] क्षेत्र से [[सिंधु-गंगा-ब्रह्मपुत्र का मैदान|ऊपरी गांगेय क्षेत्र]] तक फैला हुआ था।]]
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हालांकि इतिहासकारों की मानें तो हिन्दू धर्म का प्रारम्भ सिन्धु घाटी की सभ्यता (५००० वर्ष पूर्व) समानांतर/उपरांत से कहा जाता है, वहीं ग्रंथों में लिखित दस्तावेज़ इससे कहीं आगे की बात करते हैं। इसके साथ ही अनेक साक्ष्य कभी कभी इतिहासवेत्ताओं के पसीेने छुड़ा देते हैं। उदाहरणार्थ सन् २०१९ में प्राप्त श्रीराम के ६००० वर्ष प्राचीन भित्तिचित्र जो ईराक में मिले<ref>[https://m.patrika.com/ayodhya-news/statue-of-lord-rama-and-hanuman-has-been-found-in-silemania-iraq-4707333/ श्रीराम और हनुमान की मूर्ति सिलेमानिया ईराक में प्राप्त] पत्रिका समाचार।</ref>, साथ ही कल्प विग्रह नामक शिव प्रतिमा जिसकी कार्बन डेटिंग आयु २८,४५० (२०१९) वर्ष आंकी गई थी।<ref>[https://www.booksfact.com/archeology/kalpa-vigraha-oldest-hindu-idol-of-lord-siva-26450-bc.html कल्प विग्रह सबसे पुरानी भगवान शिव की मूर्ति २६४५० बीसी] बुक्सफैक्ट।</ref> ये सारे प्रमाण हिन्दू धर्म को कहीं अधिक प्राचीन बनाते हैं।
उपर जो कुछ बताया है वो बेबुनियाद है ईसका उल्लेख सिर्फ कागजो मे मिलता है
और नाही इसके कुछ सबुत हाथ लगे है.
 
==इतिहास==