"श्रावस्ती": अवतरणों में अंतर

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== नगर का विकास ==
=== जेतवन स्तूप के अवशेष, श्रावस्ती ===
हमारे कुछ प्राचीन ग्रन्थों के अनुसार कोशल का यह प्रधान नगर सर्वदा रमणीक, दर्शनीय, मनोरम और धनधान्य से सम्पन्न था। इसमें सभी तरह के उपकरण मौजूद थे। इसको देखने से लगता था, मानो देवपुरी अलकनन्दा ही साक्षात् धरातल पर उतर आयी हों। नगर की सड़कें चौड़ी थीं और इन पर बड़ी सवारियाँ भली भाँति आ सकती थीं। नागरिक श्रृंगार-प्रेमी थे। वे हाथी, घोड़े और पालकी पर सवार होकर राजमार्गों पर निकला करते थे। इसमें राजकीय कोष्ठागार बने हुए थे, जिनमें घी, तेल और खाने-पीने की चीज़ें प्रभूत मात्रा में एकत्र कर ली गयी थीं।जेतवन स्तूप का प्रमाणिक सभी साक्ष्य प्रादेशिक संग्रहालय लखनऊ मे रखा गया है।थीं।
 
=== बौद्ध धर्म अनुयायी ===