"तलवारबाजी": अवतरणों में अंतर
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पहले जब [[तलवार]] से लड़ाई हुआ करती थी तब सभी योद्धाओं में तलवार से लड़ सकने की योग्यता आवश्यक थी। अब तलवार की नकली लड़ाई हो रही है जो [[भारत]] में [[मुहर्रम]] आदि त्योहारों पर दिखाई पड़ती है, परंतु विदेशों में यह नकली लड़ाई भी बढ़िया खेल के रूप में परिवर्तित हो गई है, जिसे [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेजी]] में '''फ़ेसिंग''' कहते हैं और हिन्दी में असिक्रीडा कह सकते हैं।
यह शब्द वस्तुत: अंग्रेजी "डिफेंस" से निकला है, जिसका अर्थ है रक्षा। पहले दो व्यक्तियों में गहरा [[मनमुटाव]] हो जाने पर न्याय के लिए वे इस विचार से तलवार से लड़ पड़ते थे कि ईश्वर उसकी रक्षा करेगा जिसके पक्ष में धर्म है। इस प्रकार का [[द्वंद्वयुद्ध]] (डुएल) तभी समाप्त होता था जब एक को घातक चोट लग जाती थी। परंतु प्राय: सभी देशों की सरकारों ने द्वंद्वयुद्ध को दंडनीय घोषित कर दिया। इसलिए फ़ेसिंग में लड़ने की रीतियाँ तो वे ही रह गईं जो द्वंद्वयुद्ध में प्रयुक्त होती थीं, परंतु अब प्रतिद्वंद्वी को असि (तलवार) से छू भर देना पर्याप्त समझा जाता है। प्रतिद्वंद्वी को असि से छू दिया जाए और स्वयं उसकी असि से बचा जाए, फ़ेसिंग का कुल खेल इतना ही है। इन दिनों भी फ़ेसिंग बहुत अच्छा खेल समझा जाता है और ओलम्पिक खेलों में (उसे देखें) फ़ेसिंग [[प्रतियोगिता]] अवश्य होती है।
== प्रकार ==
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