"अटल बिहारी वाजपेयी": अवतरणों में अंतर

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'''अटल बिहारी वाजपेयी''' (२५ दिसंबर १९२४ &ndash; १६ अगस्त २०१८) [[भारत के प्रधानमंत्री|भारत के दसवें प्रधानमंत्री]] थे। वे पहले १६ मई से १ जून १९९६ तक, तथा फिर १९ मार्च १९९८ से २२ मई २००४ तक भारत के प्रधानमंत्री रहे।<ref>http://pmindia.nic.in/pmsofindia.php?ln=hindi</ref> वे हिन्दी कवि, पत्रकार व एक प्रखर वक्ता थे।<ref>{{cite web|url=https://scroll.in/article/890693/atal-bihari-vajpayee-1924-2018-a-poet-among-bigots|title=Atal Bihari Vajpayee (1924-2018): A poet among bigots}}</ref> वे [[भारतीय जनसंघ]] के संस्थापकों में एक थे, और [[१९६८]] से [[१९७३]] तक उसके अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने लम्बे समय तक [[राष्‍ट्रधर्म]], [[पाञ्चजन्य]] और [[वीर अर्जुन]] आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया।
 
वह चार दशकों से भारतीय संसद के सदस्य थे, लोकसभा, निचले सदन, दस बार, और दो बार राज्य सभा, ऊपरी सदन में चुने गए थे। उन्होंने [[लखनऊ]] के लिए संसद सदस्य के रूप में कार्य किया,<ref>{{cite web|url=https://timesofindia.indiatimes.com/city/lucknow/atal-bihari-vajpayee-had-his-website-as-early-as-1999-polls/articleshow/65446972.cms|title=Atal Bihari Vajpayee had his website as early as 1999 polls}}</ref> 2009 तक उत्तर प्रदेश जब स्वास्थ्य सम्बंधी चिंताओं के कारण सक्रिय राजनीति से सेवानिवृत्त हुए। अपना जीवन [[राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ]] के प्रचारक के रूप में आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेकर प्रारम्भ करने वाले वाजपेयी [[राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन]] (राजग) सरकार के पहले प्रधानमन्त्री थे, जिन्होंने बिनागैर काँग्रेसी प्रधानमन्त्री पद के ५ वर्षसाल बिना किसी समस्या के पूरे किए। आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेने के कारण इन्हे भीष्मपितामह भी कहा जाता है।उन्होंने २४ दलों के गठबंधन से सरकार बनाई थी जिसमें ८१ मन्त्री थे।
 
२००५ से वे राजनीति से [[संन्यास]] ले चुके थे और [[नई दिल्ली]] में ६-ए कृष्णामेनन मार्ग स्थित सरकारी आवास में रहते थे ।<ref name="nbt27mar14">{{cite web | url= http://hindi.economictimes.indiatimes.com/india/national-india/as-his-old-comrades-are-pushed-to-the-margins-vajpayee-follows-the-news-silently/articleshow/32737736.cms| title= ... और चुपचाप सब देख रहे हैं अटल बिहारी वाजपेयी| publisher = नवभारत टाईम्स| date= 27 मार्च 2014| accessdate= 28 मार्च 2014}}</ref> १६ अगस्त २०१८ को एक लम्बी बीमारी के बाद [[अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान]], दिल्ली में श्री वाजपेयी का निधन हो गया। वे जीवन भर भारतीय [[राजनीति]] में सक्रिय रहे।
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[[१९८०]] में जनता पार्टी से असन्तुष्ट होकर इन्होंने जनता पार्टी छोड़ दी और [[भारतीय जनता पार्टी]] की स्थापना में मदद की। ६ अप्रैल १९८० में बनी भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद का दायित्व भी वाजपेयी को सौंपा गया।<ref>[http://hindi.culturalindia.net/atal-bihari-vajpayee.html अटल बिहारी वाजपेयी]</ref> दो बार राज्यसभा के लिये भी निर्वाचित हुए। लोकतन्त्र के सजग प्रहरी अटल बिहारी वाजपेयी ने सन् [[१९९६]] में प्रधानमन्त्री के रूप में देश की बागडोर संभाली। १९ अप्रैल [[१९९८]] को पुनः प्रधानमन्त्री पद की शपथ ली और उनके नेतृत्व में १३ दलों की गठबन्धन सरकार ने पाँच वर्षों में देश के अन्दर प्रगति के अनेक आयाम छुए।
 
सन् [[२००४]] में कार्यकाल पूरा होने से पहले भयंकर गर्मी में सम्पन्न कराये गये [[लोकसभा]] चुनावों में भा॰ज॰पा॰ के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबन्धन (एन॰डी॰ए॰) ने वाजपेयी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा और भारत उदय (अंग्रेजी में इण्डिया शाइनिंग) का नारा दिया। इस चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला। ऐसी स्थिति में वामपंथी दलों के समर्थन से काँग्रेस ने भारत की केन्द्रीय सरकार पर कायम होने में सफलता प्राप्त की और भा॰ज॰पा॰ विपक्ष में बैठने को हुए विवशमजबूर हुई। [[सम्प्रति]] वे राजनीति से संन्यास ले चुके हैं और [[नई दिल्ली]] में ६-ए कृष्णामेनन मार्ग स्थित सरकारी आवास में रहते थे।
 
== प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल ==