"रतिरोग": अवतरणों में अंतर

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== रतिज ब्रणाभ ==
[[चित्र:Chancroid lesion haemophilus ducreyi PHIL 3728 lores.jpg|right|thumb|300px200px|[[शिश्न]] पर [[शैंकराभ]] विक्षति (lesion)]]
रतिज व्राणाभ (venereal sores) यह मूलतः जननेंद्रियों की सफाई न रखने से उत्पन्न होता है। संभोग के २ से १४ दिनों के भीतर जननेंद्रिय पर दाने के रूप में यह उभरता है और क्रमशः व्राण का रूप धारण करता है। रान की [[लसीका तंत्र|लसीका ग्रंथियों]] में गिल्टी पड़ जाती है। यह व्राण मृदु होता है। सल्फोनेमाइड से चिकित्सा की जाती है।