"स्वामी भक्तिसिद्धान्त सरस्वती": अवतरणों में अंतर

छो बॉट: पुनर्प्रेषण ठीक कर रहा है
ओम विष्णुपाद परमहंस 108 श्री मद्भक्ति सिद्धान्त सरस्वती गोस्वामी प्रभुपाद
टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 1:
{{स्रोतहीन|date=सितंबर 2019}}
[[चित्र:Bhaktisiddhanta2.jpg|right|thumb|200px|स्वामी भक्तिसिद्धान्त सरस्वती]]
'''स्वामी भक्तिसिद्धान्त सरस्वती गोस्वामी प्रभुपाद''' (6 फ़रवरी 1874 – 1 जनवरी 1937) गौडीय वैष्णव सम्प्रदाय के प्रमुख गुरू एवं आध्यात्मिक प्रचारक थे।{{उद्धरण आवश्यक|date=जून 2014}} उन्हें 'भक्तिसिद्धान्त सरस्वती ठाकुर' भी कहते हैं। उनका मूल नाम ''विमल प्रसाद दत्त'' था। {{उद्धरण आवश्यक|date=जून 2014}}
[[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] की भक्ति-उपासना के अनन्य प्रचारकों में स्वामी भक्तिसिद्धान्त सरस्वती गोस्वामी का नाम अग्रणी है।{{उद्धरण आवश्यक|date=जून 2014}} उन्हीं से प्रेरणा और आशीर्वाद प्राप्त कर [[अभयचरणारविंद भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद|स्वामी भक्तिवेदान्त प्रभुपाद]] ने पूरे संसार में [[श्रीकृष्ण भावनामृत संघ]] की शाखाएं स्थापित कर लाखों व्यक्तियों को [[हिन्दू]]धर्म तथा भगवान श्रीकृष्ण का अनन्य भक्त बनाने में सफलता प्राप्त की थी। {{उद्धरण आवश्यक|date=जून 2014}}