"विद्या चरण शुक्ल": अवतरणों में अंतर
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==कद्दावर नेता==
1957 के आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने विद्या चरण शुक्ल को महासमुंद सीट (तब बलोदा बाजार उसका नाम था) से चुनावी अखाड़े में उतारा. एक बड़े बहुमत के साथ जीत दर्ज कर उन्होंने भारतीय संसद में अपनी जगह बनाई. 1962 मे <nowiki>[[महासमुंद]]</nowiki> से दुबारा सांसद बने। वह उस वक्त के युवा सांसदों में से एक थे. सन् 1962 में महासमुंद से और 1971 मे रायपुर से सांसद बने। सन 1977 मे उन्होने लोकसभा का चुनाव रायपुर से लडा पर आपातकाल से उपजे आक्रोश के कारण हार गये। नौ लोकसभा चुनावों में जीतकर उन्होंने कांग्रेस पार्टी में अपनी जबरदस्त धाक जमाई.
1966 में जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनी, तो उन्होंने विद्या चरण शुक्ल को कैबिनेट मंत्री नियुक्त किया. राजनीतिक सफर के दौरान उन्हें कई बेहद महत्त्वपूर्ण मंत्रालय मिले जैसे दूरसंचार, गृह, रक्षा, वित्त, योजना, सूचना एवं प्रसारण, विदेश, संसदीय, जल संसाधन.
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