"गर्भनिरोधक गोलियाँ": अवतरणों में अंतर

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डेनमार्क में एक अध्ययन के मुताबिक गर्भनिरोधक गोलियों के इस्तेमाल से अवसाद का ख़तरा बढ़ता है.
अनुसंधानकर्ताओं ने करीब दस लाख महिलाओं के मेडिकल रिकॉर्ड्स को अध्ययन में शामिल किया. 15 से 34 साल की इन महिलाओं में किसी में पहले से डिप्रेसन के लक्षण मौजूद नहीं थे। अध्ययन में अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि जो महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करती हैं, उन्हें बाद में अवसाद की गोलियां लेनी पड़ी या फिर अस्पताल में भर्ती होना पड़ा.
 
सभी महिलाओं को <a href="https://healthinhindi.net/garbh-nirodhak-tablet-ka-naam/">गर्भनिरोधक गोली< a> सूट नही करता है। किसी किसी को नुकसान भी पहुचाता है।
कुछ महिलाओं को उल्टी आना, चकर आना, जी मचलना , सिर में दर्द , स्तनों में सूजन या दर्द जैसे परेशानी देखा गया है। लेकिन इससे घबराना नहीं चाहिए।
इन परेशानियों का असर लंबे समय तक रहे तो नजदीकी डॉक्टर से जरूर सम्पर्क करें।
इसका एक खुराक आप गलती से नही ले पाते हैं तो गर्भ धारण के चांस बढ़ सकता है।
योनि में किसी प्रकार की खुजली जलन या लालिमा जैसे कुछ लक्षण दिख सकता है।
मासिक धर्म में रक्तस्त्राव ज्यादा या कम हो सकता है।
भूख लगना कम या ज्यादा हो सकता है।
चेहरे पर मुंहासे या शरीर पर धब्बा हो सकता है।
पाचन संबंधी समस्या हो सकती है
शरीर का वजन बढ़ या घट सकता है।
योनि से सफेद तरल पदार्थ का स्त्राव हो सकता है।
 
==गर्भनिरोधक गोलियों के कारण मौत==
हाल ही में, गार्डियन वेबसाइट की एक शॉर्ट फ़िल्म, उन युवा महिलाओं पर है, जिनकी मौत ख़ून का थक्का जमने से हुई और वे सब के सब हार्मोनल या गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल कर रही थीं.