"कामधेनु": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Batu Caves Kamadhenu.jpg|right|thumb|300px|Batu Caves Kamadhenu.jpg|मलेशिया के बातु गुफा में निर्मित कामधेनु की मूर्ति]]
'''कामधेनु''' हिन्दू धर्म में एक [[देवी]] है जिनका स्वरूप [[गाय]] का है। इन्हें ''''सुरभि'''' भी कहते हैं। कामधेनु जिसके पास होती हैं वह जो कुछ कामना करता है (माँगता है) उसे वह मिल जाता है।
(काम = इच्छा , धेनु=गाय)। इनके जन्म के बारे में अलग-अलग कथाएँ हैं। एक कथा के अनुसार ये [[समुद्र मन्थन]] में निकलीं थीं। जब समुद्र मंथन हुआ तब देवताओं ने कामधेनु को ऋषि वशिष्ट को प्रदान किया। कामधेनु का दुग्धपान करने वाला अमर हो जाता है, इसी कारन बहुत से राजाओ ने भी कामधेनु का अपहरण करने का असफल प्रयास किया। एक बार देवराज के आठ वसु भ्रमण करते हुए ऋषि के आश्रम पधारे और कामधेनु को हड़पने का प्रयास किया तभी ऋषि वशिष्ट ने उन वसुओं को मनुष्य योनि में जन्म लेने ला श्राप दिया तो सभी वसु ऋषि वशिष्ट से क्षमा मांगने लगे। तब ऋषि ने कहा तुम सात वसु एक वर्ष के पूर्व मिक्ति प्राप्त करोगे परंतु आठवें वसु जिसका नाम घौ था उसी ने कामधेनु को हड़पने का प्रयास किया था उसे ऋषि वशिष्ट ने कहा तुम दीर्घ आयु तक मनुष्य योनि में रहोगे। यही घौ नामक वसु आगे चलकर महाभारत के भीष्म बने और एक लंबी आयु तक जीवित रहने के पश्चात ही मुक्ति को प्राप्त किया।
राजस्थान की कामधेनु राठी गाय को कहते हैं।
[[श्रेणी:हिन्दू धर्म]]
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