"योगेश (गीतकार)": अवतरणों में अंतर

पंक्ति 21:
योगेश ने सुपरहिट फिल्म आनंद (1971) को परिभाषित करने वाले हिट गीतों के बोल "कहिन दोउर जब दिन में" और "जिंदगी कैसी है" लिखे। उन्होंने प्रसिद्ध हिंदी गीतों में कहिन दरवाजा जब दिन दाल जाए, जिंदगी कैसी होगी, रिमझिम गिरे सावन, रजनीगंधा से काई बार यार दे दी है, बाओटन बाओटन में से मेरा मन नहीं कहो। योगेश ने एक लेखक के रूप में टेलीविजन धारावाहिकों में भी काम किया। उनके कार्य में सम्मान के लिये उन्हें [[दादासाहेब फाल्के पुरस्कार|दादासाहब फाल्के पुरस्कार]] के अलावा [[यश भारती पुरस्कार]] भी मिल चुका है।<ref>{{cite news |title=उत्तर प्रदेश में 56 हस्तियां यश भारती सम्मान से विभूषित |url=https://hindi.oneindia.com/news/lucknow/56-people-from-different-areas-got-yash-bharti-uttar-pradesh-341241.html |accessdate=24 सितम्बर 2018 |work=[[वन इंडिया]] |date=9 फरवरी 2015 |language=}}</ref> इन्होंने कई हजार फिल्मों के गीत लिखे हैं जिसमें ''[[मिली (1975 फ़िल्म)|मिली]]'' (1975), ''[[मंज़िल (1979 फ़िल्म)|मंज़िल]]'' (1979), ''[[छोटी सी बात]]'' (1975), ''रजनीगंधा'' (1974) प्रमुख रही हैं।<ref>{{cite news |title=‘खामोश...! सरकार मेरी पेंशन की समीक्षा कर रही है’, कुछ ऐसा दिया जबाव |url=https://www.bhaskar.com/maharashtra/mumbai/news/MH-MUM-OMC-songwriter-yogesh-pention-5756393-PHO.html |accessdate=24 सितम्बर 2018 |work=[[दैनिक भास्कर]] |date=28 नवंबर 2017 |language=hi}}</ref>
 
योगेश गौड़ का ७७ वर्ष की आयु में २९ मई २०२० को निधन हो गया। दिग्गज गायिका [[लता मंगेशकर]] ने गीतकार को ट्विटर पर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा, "मुझे योगेश जी की मृत्यु के बारे में पता चला, जिन्होंने कई दिल दहलाने वाले गीत लिखे। मैंने उनके लिखे कई गीत गाए हैं। वह बहुत ही शांत और सुलझे हुए इंसान थे। मैं उनके प्रति अपने सम्मान को चुकाती हूँ।"<ref>{{cite web |title=Lyricist Yogesh passes away |url=https://indianexpress.com/article/entertainment/bollywood/lyricist-yogesh-gaur-passes-away-6433187/ |website=The Indian Express |language=en |date=30 मई 2020}}</ref>
 
== फिल्मों की सूची ==