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'''सेंगर''' एक भारतीय उपजाति अथवा गोत्र समुदाय है जो [[राजपूत]] जाति के अंतर्गत आता है।
सेंगर राजपूतो का गोत्र,कुलदेवी इत्यादि
 
गोत्र-गौतम,
 
प्रवर तीन-गौतम,वशिष्ठ,ब्रहास्पतय
 
वेद-यजुर्वेद,शाखा वाजसनेयी,सूत्र पारस्कर
 
कुलदेवी -विंध्यवासिनी देवी
 
नदी-सेंगर नदी
 
गुरु-विश्वामित्र
 
ऋषि-श्रृंगी
 
ध्वजा -लाल
 
सेंगर राजपूत विजयादशमी को कटार पूजन करते हैं।
 
== पौराणिक इतिहास ==
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इस वंश की उत्पत्ति के विषय में ब्रम्हपुराण में वर्णन आता है। चंद्रवंशीय राजा महामना के दूसरे पुत्र तितिक्षु ने पूर्वी भारत में राज्य स्थापित किया था। इसके बाद इसके वंशज क्रमशः - उपद्रनाथ, प्येन, सुतपा और बलि हुए।
 
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उपरोक्त स्थानों के अतिरिक्त अब इस वंश के क्षत्रिय इटावा, मैनपुरी, बलिया, छपरा तथा पूर्णिया जिले में बस्ते हैं।
 
== शाखाएँ ==
शाखाएं:
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1.# चुटु- यह शालिवाहन राजा के वंश की छोटी शाखा थी। इनकी राजधानी वनवासी (कनार) प्रान्त की वैजयंती नगरी में थी।
2.# कदम्ब- यह चुटु वंश की प्राचीन शाखा है। कंग वम्भी के कुंतल पर राज्य करने के कारण उनके वंशज कदम्ब कहलाये। कंग समुद्रगुप्त के समकालीन थे।
 
3.# बरहिया- बिहार, बंगाल तथा आसाम में बस्ते हैं।
2. कदम्ब- यह चुटु वंश की प्राचीन शाखा है। कंग वम्भी के कुंतल पर राज्य करने के कारण उनके वंशज कदम्ब कहलाये। कंग समुद्रगुप्त के समकालीन थे।
4.# डाहलिया- राजा डहाल के वंशज।
 
5.# दाहारिया।
3. बरहिया- बिहार, बंगाल तथा आसाम में बस्ते हैं।
 
4. डाहलिया- राजा डहाल के वंशज।
 
5. दाहारिया।
 
प्रस्तुतकर्ता: ठाकुर दीपक सिंह
 
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==सन्दर्भ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/सेंगर" से प्राप्त