"आशा भोसले": अवतरणों में अंतर
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== जीवनी ==
आशा भोसले का जन्म
=== विवाह एवं व्यक्तिगत जीवन ===
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== संगीत निर्देशको के साथ साझेदारी ==
=== ओ.पी.
संगीतकार ओ.पी. नैयर की साझेदारी ने आशा भोसले जी को एक खास पहचान दिलाया। कई लोगों ने इनकी आपसी संबंध को प्रेम संबंध मान लिया। नैयर जी पहली बार 1952 में आशा जी से एक गीत छम छमा छम... के संगीत रिकार्डिग के समय मिलें। पहली बार इन्होने फिल्म ‘माँगू’ (1954) के लिए आशा जी को बुलाया। फिर इन्होने एक बहुत बड़ा मौका फिल्म सी.आई.डी. (1956) में आशा जी को दिया। इस प्रकार नया दौर (1957) की सफलता ने इन दोनो की प्रसिद्धी को बढ़ाया। 1959 के बाद भावानात्मक और व्यावसायिक तौर पर आशा जी नैयर जी के साथ जुड़ी रहीं।
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रवि:— संगीत निर्देशक रवि, आशा भोसले जी को अपनी पसंदीदा गायिका मे एक मानते थे। आशा जी इनकी पहली फिल्म वचन (1955) मे गीत गाई। चन्दा मामा दूर के.... गीत रातो रात भारतीय माँ के बीच प्रसिद्ध हो गया। जब अधिकांश संगीतकार आशा जी को बी-ग्रेड गीत गाने के लिए जानते थे उन दिनो रवि ने आशा जी से भजन गाने को कहा जिनमें ‘घराना’, ‘गृहस्थी’ ‘काजल’ और ‘फुल और पत्थर’ फिल्में प्रमुख है। रवि और आशा जी ने कई प्रसिद्ध गीतो का रिकार्ड किया जिनमे किशोर कुमार के साथ गाए उनके मजेदार गीत ‘सी ए टी..कैट माने बिल्ली...(दिल्ली का ठग) आदि है। रवि द्वारा संगीतबद्ध आशा जी के प्रसिद्ध भजन ‘तोरा मन दर्पण कहलाए...’(काजल) आदि है। इनकी साझेदारी में कई प्रसिद्ध फिल्मों के गीत रिकार्ड हुए यथा- वक्त, चौदहवी का चाँद, गुमराह, बहु-बेटी, चायना टाउन, आदमी और इंसान, धुंध, हमराज और काजल आदि है। चौदहवीं के चाँद में रवि गीता दत्त (प्रोड्यूसर गुरू दत्त की पत्नी) से गीत गवाना चाहते थे किंतु गुरू दत के जिद के कारण आशा जी ने गीत गाए जो काफी प्रसिद्ध हुए।
=== सचिन देव
प्रसिद्ध संगीत निर्देशक सचिन देव वर्मन की पसंदीदा गायिका लता मंगेस्कर से 1957 से 1962 के बीच अच्छे संबंध नहीं थे। उन दिनो सचिन देव वर्मन ने आशा भोसले जी का उपयोग किया। इन दोनो की साझेदारी ने कई हिट गीत दिए यथा— फिल्म काला पानी, काला बाजार, इंसान जाग उठा, लाजवंति, सुजाता और तीन देविया (1965) आदि है। 1962 के बाद भी दोनो ने कई गीतों को रिकार्ड किया। मो. रफी और किशोर कुमार के साथ गाए युगल गीत आशा जी के काफी प्रसिद्ध रहे। अब के बरस... गीत बिमल राय की फिल्म बंदनी (1963) ने आशा जी को प्रमुख गायिका के रूप में स्थापित किया। अभिनेत्री तनुजा पर फिल्मांकित गीत रात अकेली है।..(ज्वेल थीफ,1967) काफी प्रसिद्ध हुआ।
=== राहुल देव
आशा भोसले राहुल देव वर्मन जी से उस समय पहली बार मिली जब वह दो बच्चों की माँ थी और संगीतकार राहुल देव वर्मन (पंचम) की साझेदारी में फिल्म तीसरी मंजिल (1966) में पहली बार लोगों का ध्यान आकर्षित कर पाई। आशा जी ने आर. डी. वर्मन के साथ कैबरे, रॉक, डिस्को, गज़ल, भारतीय शास्त्रीय संगीत और भी बहुत गीत गाए। 1970 में आशा भोसले जी ने पंचम के साथ कई युवा गीत गाए यथा- पिया तू अब तो आ जा.....(कारवॉ-1971) हेलन पर फिल्मांकित, दम मारो दम...(हरे रामा हरे कृष्णा-1971), दुनिया में...(अपना देश-1972) चुरा लिया है तुमने...(यादों की बारात-1973) आदि है। इसके आलावा पंचम के संगीत निर्देशन में आशा जी ने किशोर कुमार के साथ कए प्रसिद्ध युगल गीत गाए यथा— जाने जाँ ढूंढ़ता फिर रहा। ..(जवानी दीवानी), भली भली-सी एक सूरत...(बुढा मिल गया) आदि। 1980 में पंचम और आशा जी कई प्रसिद्ध गीतो को रिकार्ड किया। फिल्म इजाजत (1987)- मेरा कुछ सामान..., खाली हाथ शाम आयी है।.., कतरा कतरा... आदि प्रसिद्ध प्रमुख प्रसिद्ध गीतो को रिकार्ड किया। ओ मारिया...(सागर) के गीतो को भी रिकार्ड किया। गुलजार की इजाजत को आर. डी. वर्मन के संगीत निर्देशन में आशा जी को राष्ट्रीय पुरस्कार ‘बेस्ट सिंगर’ प्राप्त हुआ। आर. डी. वर्मन जी ने कई हिन्दी प्रसिद्ध गीतो को बंगाली भाषा में आशा जी के आवाज को रिकार्ड किया यथा— ‘मोहुए झुमेछे आज माऊ गो, चोखे चोखे कोथा बोले चोखे नामे बृष्टि (बंगाली रूपांतरण गीत जाने क्या बात है।..) बंसी सुने की घोरे टाका जाए, संध्या बेले तुमी आमी..., आज गुन गुन जे आमर (बंगाली रूपांतरण गीत प्यार दीवाना होता है) आदि। यह प्रसिद्ध साझेदारी विवाह मे परिणित हुई। पंचम जी के अंतिम सांसो तक यह साझेदारी चली।
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