"मुद्रा बोर्ड": अवतरणों में अंतर
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* करेन्सी बोर्ड वाणिज्यिक बैंकों के लिए अन्तिम-आश्रयात्मक उधारदाता का कार्य नहीं करता, तथा भंडार आवश्यकताओं को विनियमित भी नहीं करता।
* करेन्सी बोर्ड ब्याज दरों को साधने का प्रयास नहीं करता, जैसा कि केंद्रीय बैंक डिस्काउंट रेट देकर करते हैं। दरअसल विदेशी मुद्रा के साथ खूँटीबद्ध कर देने से ब्याज दर तथा मुद्रा स्फीति उस देश के साथ कदमताल करने लगती है जिसकी मुद्रा से वह बँधा है।
== लाभ व हानियाँ ==
इसका लाभ तो यह है कि मुद्रा की स्थिरता का प्रश्न सुलझ जाता है। तथा हानियाँ हैं, कि देश अपनी घरेलू हालातों के अनुसार मौद्रिक नीति नहीं लागू कर पाता, तथा स्थिर विनिमय दर से देश के व्यापार की शर्तें भी स्थिर हो जाती हैं, जो कि व्यापारकर्ता देशों के आपसी आर्थिक अन्तरों पर निर्भर नहीं करतीं।
प्रायः करेन्सी बोर्ड, छोटी तथा खुली अर्थव्यवस्थाओं के लिए लाभप्रद होते हैं, जहाँ स्वतंत्र मौद्रिक नीति चल नहीं सकती। तथा इससे मुद्रा स्फीति को कम रखने का आश्वासन भी मिलता है।
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