"अवस्ताई भाषा": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Bodleian J2 fol 175 Y 28 1.jpg|thumb|अवस्ताई भाषा में अनुहावैती गाथा का यस्न 28.1]]
#पुनर्प्रेषित [[अवस्ताई भाषा]]
'''अवस्ताई''' एक [[पूर्वी ईरानी भाषाएँ|पूर्वी ईरानी भाषा]] है जिसका ज्ञान आधुनिक युग में केवल [[पारसी धर्म]] के ग्रंथों, यानि [[अवेस्ता|अवस्ता]], के द्वारा पहुँच पाया है। इतिहासकारों का मानना है के [[मध्य एशिया]] के [[बैक्ट्रिया|बॅक्ट्रिया]] और मार्गु क्षेत्रों में स्थित याज़ संस्कृति में यह भाषा या इसकी उपभाषाएँ 1500-1100 ईसापूर्व के काल में बोली जाती थीं। क्योंकि यह एक धार्मिक भाषा बन गई, इसलिए इस भाषा के साधारण जीवन से लुप्त होने के पश्चात भी इसका प्रयोग नए ग्रंथों को लिखने के लिए होता रहा।<ref>Mallory, J P (1997). ''Encyclopedia of Indo-European culture''. page 653. London: Fitzroy Dearborn Publishers. ISBN 978-1-884964-98-5. entry "Yazd culture".</ref>
 
== जड़े ==
सन् 1500 ईसापूर्व के युग की केवल दो ईरानी भाषाओँ की लिखित रचनाएँ मिली हैं। एक "प्राचीन अवस्ताई" है जो उत्तरपूर्व में बोली जाती थी और एक "प्राचीन फ़ारसी" है जो दक्षिण-पश्चिम में बोली जाती थी। ईरानी भाषाओँ में यह पूर्वी ईरानी भाषाओँ और पश्चिमी ईरानी भाषाओँ का एक बहुत बड़ा विभाजन है।
 
आरम्भ में केवल एक "आदिम हिन्द-ईरानी भाषा" थी - इसी से [[हिन्द-ईरानी भाषाएँ|हिन्द-ईरानी भाषा परिवार]] की सभी भाषाएँ जन्मी हैं, जिनमें [[संस्कृत भाषा|संस्कृत]], [[हिन्दी|हिंदी]], [[कश्मीरी भाषा|कश्मीरी]], [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]], [[पश्तो भाषा|पश्तो]] सभी शामिल हैं। प्राचीन अवस्ताई उस युग की भाषा है जब पूर्वी ईरानी भाषाएँ और वैदिक संस्कृत बहुत मिलती-जुलती थीं। पश्चिमी ईरानी भाषाओं में कुछ बदलाव आ रहे थे जिस से वह वैदिक संस्कृत से थोड़ी भिन्न हो चुकी थी। कहा जा सकता है के प्राचीन अवस्ताई इन दोनों के बीच थी - यह वैदिक संस्कृत से बहुत मिलती-जुलती है और यह प्राचीन (पश्चिमी) फ़ारसी से भी मिलती जुलती है। अवस्ताई भाषा में रचनाएँ कम हैं इसलिए अवस्ताई शब्द-व्याकरण समझने के लिए भाषावैज्ञानिक वैदिक संस्कृत का पहले अध्ययन कर उसकी सहायता लेते हैं क्योंकि अवस्ताई और वैदिक संस्कृत में इस क्षेत्र में निकट का सम्बन्ध है।<ref>Hoffmann, K. Encyclopaedia Iranica. AVESTAN LANGUAGE. III. The grammar of Avestan.: "The morphology of Avestan nouns, adjectives, pronouns, and verbs is, like that of the closely related Old Persian, inherited from Proto-Indo-European via Proto-Indo-Iranian (Proto-Aryan), and agrees largely with that of Vedic, the oldest known form of Indo-Aryan. The interpretation of the transmitted Avestan texts presents in many cases considerable difficulty for various reasons, both with respect to their contexts and their grammar. Accordingly, systematic comparison with Vedic is of much assistance in determining and explaining Avestan grammatical forms."</ref>
 
== तुलनात्मक उदहारण ==
19वी शताब्दी में अवस्ताई और [[वैदिक संस्कृत]] दोनों पर पश्चिमी विद्वानों की नज़र नई-नई पड़ी थी और इन दोनों के गहरे सम्बन्ध का तथ्य उनके सामने जल्दी ही आ गया। उन्होने देखा के अवस्ताई फ़ारसी और वैदिक संस्कृत के शब्दों में कुछ सरल नियमों के साथ एक से दुसरे को अनुवादित किया जा सकता था और व्याकरण की दृष्टि से यह दोनों बहुत नज़दीक थे। अपनी 1892 में प्रकाशित किताब "अवस्ताई व्याकरण की संस्कृत से तुलना और अवस्ताई वर्णमाला और उसका लिप्यन्तरण" में भाषावैज्ञानिक और विद्वान एब्राहम जैक्सन ने उदहारण के लिए एक अवसताई के धार्मिक श्लोक का वैदिक संस्कृत में सीधा अनुवाद किया<ref name="ref28cuyev">{{cite web | title=An Avesta grammar in comparison with Sanskrit and The Avestan alphabet and its transcription | author=Abraham Valentine Williams Jackson | publisher=AMS Press, 1892 | isbn=9780404090104 | url=http://books.google.com/books?id=B1CCAAAAIAAJ}}</ref> -
 
{| cellpadding="5"
||
:'''मूल अवस्ताई'''
||
:'''वैदिक संस्कृत अनुवाद'''
|-
|style="font-size:100%"|
:तम अमवन्तम यज़तम
:सूरम दामोहु सविश्तम
:मिथ़्रम यज़ाइ ज़ओथ़्राब्यो
|style="font-size:100%"|
:तम आमवन्तम यजताम
:शूरम धामसू शाविष्ठम
:मित्राम यजाइ होत्राभ्यः
|}
 
== लिपि ==
अवस्ताई की अपनी "पहलवी" लिपि थी और उसका इस्तेमाल अब पारसी धार्मिक प्रयोगों को छोड़कर लुप्त हो चुका है। इसे फ़ारसी और प्राचीन भारतीय लिपि [[खरोष्ठी]] की तरह दाएँ से बाएँ लिखा जाता है। इसमें 13 मूल अक्षर थे जिनके अवस्ताई में 53 भिन्न रूप प्रयोग होते थे। यह अक्षर आरामाई लिपि पर आधारित थे, जिस से [[भारत]] की भी सारी आधुनिक लिपियाँ उत्पन्न हुई हैं। भारत में स्थित पारसी समुदाय के लोग प्राचीनकाल में अवस्ताई को [[ब्राह्मी लिपि|ब्राह्मी]] पर आधारित लिपियों में भी लिखते थे।
 
== इन्हें भी देखें ==
* [[पारसी धर्म]]
* [[वैदिक संस्कृत]]
* [[हिन्द-ईरानी भाषाएँ|हिन्द-ईरानी भाषा परिवार]]
 
== सन्दर्भ ==
<small>{{reflist}}</small>
 
[[श्रेणी:फ़ारसी]]
[[श्रेणी:ईरानी भाषाएँ]]
[[श्रेणी:पूर्वी ईरानी भाषाएँ]]
[[श्रेणी:प्राचीन भाषाएँ]]
[[श्रेणी:धार्मिक भाषाएँ]]
[[श्रेणी:विलुप्त भाषाएँ]]
[[श्रेणी:पारसी धर्म]]
[[श्रेणी:हिन्दी विकि डीवीडी परियोजना]]