"अवेस्ता": अवतरणों में अंतर
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'''अवेस्ता''' या '''ज़ेंद अवेस्ता''' नाम से भी धार्मिक भाषा और धर्म ग्रन्थ दोनों का बोध होता है।
जिस भाषा के माध्यम का आश्रय लेकर [[पारसी|जरथुस्त्र धर्म]] (फारस/ईरान में इस्लामी अरबों की विजय के पहले का मूल धर्म) का विशाल साहित्य निर्मित हुआ था उसे भी 'अवेस्ता' या '[[
उपलब्ध साहित्य में इसका प्रमाण नहीं मिलता कि पैगम्बर ([[ज़रथुस्त्र]]) अथवा उनके समकालीन अनुयायियों के लेखन अथवा बोलचाल की भाषा का नाम क्या था। परन्तु परम्परा से यह सिद्ध है कि उस भाषा और साहित्य का भी नाम "अविस्तक" था। अनुमान है कि इस शब्द के मूल में "विद्" (जानना) [[धातु (संस्कृत के क्रिया शब्द)|धातु]] है जिसका अभिप्राय 'ज्ञान' अथवा 'बुद्धि' है।
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