"गोपालगंज": अवतरणों में अंतर
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== पर्यटन स्थल ==
* '''थावे''': गोपालगंज में थावे स्थित हथुवा राजा द्वारा बनवाया गया दुर्गा मन्दिर सबसे महत्वपूर्ण स्थल है। जिला मुख्यालय से इसकी दूरी मात्र ५ किमी है। चैत्र महीने में यहाँ विशाल मेला लगता है। मंदिर के पास ही देखने योग्य एक विशाल पेड़ है जिसका वानस्पतिक वर्गीकरण नहीं किया जा सका है। मन्दिर की मूर्ति एवं विशाल पेड़ के बारे में कई कहानियाँ प्रचलित है।
* '''दिघवा दुबौली''': गोपालगंज से ४० किलोमीटर दक्षिण-पूरब तथा [[छपरा]] से मशरख जानेवाली रेल लाईन पर ५६ किलोमीटर उत्तर में दिघवा-दुबौली एक गाँव है जहाँ पिरामिड के आकार के दो टीले हैं ऐसा विश्वास किया जाता है कि ये टीले यहाँ शासन कर रहे चेरों राजा द्वारा बनवाए गए
* '''हुसेपुर''': गोपालगंज से २४ किलोमीटर उत्तर-पचिम में झरनी नदी के किनारे हथवा महाराजा का बनवाया किला अब खंडहर की अवस्था में है। यह गाँव पहले हथुवा नरेश की गतिविधियों का केंद्र था। किले के चारों तरफ बने खड्ड अब भर चुके हैं। किले के सामने बने टीला हथुवा राजा की पत्नी द्वारा सती होने का गवाह है।
* '''लकड़ी दरगाह''': [[पटना]] के मुस्लिम संत शाह अर्जन के दरगाह पर लकड़ी की बहुत अच्छी कासीगरी की गयी है। रब्बी-उस-सानी के ११ वें दिन होनेवाले उर्स पर यहाँ भाड़ी मेला लगता है। कहा जाता है कि इस स्थान की शांति के चलते शाह अर्जन बस गए थे और उन्होंने ४० दिनों तक यहाँ चिल्ला किया था। * कुचायकोट गोपालगंज जिला का सबसे बडा प्रखण्ड है। कुचायकोट प्रखण्ड में हनुमान मन्दिर, रामबृक्ष धाम ,दुर्गा मंंदिर,बंगलामुखी माँ मन्दिर, शिवं मंंदिर है।रमममममब
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== यातायात एवं संचार व्यवस्था ==
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