"प्राथमिकी": अवतरणों में अंतर

अब चलिए हम लोग बात कर लेते है यदि कोई पुलिस अधिकारी जीरो एफआईआर दर्ज करने से मना कर दे तो आपके पास कौन कौन सा कानूनी अधिकार है। आप लिखित में उस जिला के पुलिस अधीक्षक से एफआईआर लिखने का गुहार लगा सकते है और आपका एफआईआर लिखा जाएगा और आगे का कानूनी कार्रवाई शुरू हो जाएगा।
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== क्या होता हैं ZERO FIR ==
 
अक्सर FIR दर्ज करते वक़्त आगे के कार्यवाही को सरल बनाने हेतु इस बात का ध्यान रखा जाता हैं कि घटनास्थल से संलग्न थाने में ही इसकी शिकायत दर्ज हो परन्तु कई बार ऐसे मौके आते हैं जब पीड़ित को विपरीत एवं विषम परिस्थितियों में किसी बाहरी पुलिस थाने में केस दर्ज करने की जरुरत पड़ जाती हैं। मगर अक्सर ऐसा देखा जाता हैं कि पुलिस वाले अपने सीमा से बहार हुई किसी घटना के बारे में उतने गंभीर नहीं दिखाए देते. ज्ञात हो कि FIR आपका अधिकार हैं एवं आपके प्रति हो रही असमानताओ का ब्यौरा भी, अतः सरकार ने ऐसे विषम परिस्थितियों में भी आपके अधिकारों को बचाए रखने हेतु [httpshttp://www.sampattechnotrendinghour.com/2020/06blog/what-is-zero-fir-inknow-hindi.htmlinside-details-of-fir/ ZERO FIR] का प्रावधान बनाया है। इसके तहत पीड़ित व्यक्ति अपराध के सन्दर्भ में अविलम्ब कार्यवाही हेतु किसी भी पुलिस थाने में अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं एवं बाद में केस को उपरोक्त थाने में ट्रान्सफर भी करवाया जा सकता हैं।
 
अब चलिए हम लोग बात कर लेते है यदि कोई पुलिस अधिकारी जीरो [https://www.sampattechno.com/2020/03/Police-fir.html?m=1 एफआईआर दर्ज करने से मना कर दे] तो आपके पास कौन कौन सा कानूनी अधिकार है। आप लिखित में उस जिला के पुलिस अधीक्षक से एफआईआर लिखने का गुहार लगा सकते है और आपका एफआईआर लिखा जाएगा और आगे का कानूनी कार्रवाई शुरू हो जाएगा।
 
==प्रथम सूचना रिपोर्ट के प्रावधान==