"मीणा": अवतरणों में अंतर

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[[पुराण|पुराणों]] के अनुसार [[चैत्र]] शुक्ला तृतीया को कृतमाला नदी के जल से मत्स्य भगवान प्रकट हुए थे। इस दिन को मीणा समाज में जहाँ एक ओर [[मत्स्य जयन्ती]] के रूप में मनाया जाता है, वहीं दूसरी ओर इसी दिन सम्पूर्ण राजस्थान में [[गणगौर]] का त्योहार बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है।<ref name="Kapur May 2008">{{cite journal| title=Reconstructing Identities and Situating Themselves in History : A Note on the Meenas of Jaipur Region| last= Kapur | first = Nandini Sinha| year= May 2008| publisher= d'échange bilatéral franco-indien durant le mois de mai 2008
| url =http://www.reseau-asie.com/cgi-bin/prog/pform.cgi?langue=en&ID_document=2854&TypeListe=showdoc&Mcenter=agenda&my_id_societe=1&PRINTMcenter=}}</ref>
 
''' कृतमाला नदी '''
 
श्रीमत्स्य अवतार:- अवतरण तिथि चैत्र शुक्ल तृतीया, समय मध्‍याह्नोत्तर, स्थान कृतमाला तट। मलय पर्वत से निकली कृतमाला नदी दक्षिण भारत में बहती है। इस नदी के तट पर तपस्यारत राजा सत्यव्रत को प्रसन्न करने के लिए भगवान मत्स्य प्रथम बार इसी नदी से प्रकट हुए थे। दक्षिण भारत का पावन नगर मदुरई इसी के तट पर बसा है जो दक्षिण भारत का मथुरा कहा जाता है। इस नदी को कुछ विद्वान 'वेगा' या 'वेगवती' कहते हैं।
 
== इन्हें देखे ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/मीणा" से प्राप्त