"थार्नडाइक का संबंधनवाद का सिद्धांत": अवतरणों में अंतर

थार्नडाइक का संबंधवाद का सिद्धांत
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08:22, 4 जून 2020 का अवतरण

थार्नडाईक पहले अमेरिकी पशु मनोवैज्ञानिक थे थार्नडाइक ने पशुओ पर प्रयोग 1898 में करना शुरू किया थार्नडाइक ने कई पशुओ पर प्रयोग जैसे - मुर्गी , मछली , चूहे, किये लेकिन थार्नडाइक का मुख्य प्रयोग 1913  में एक भूखी बिल्ली पर था.थार्नडाइक ने एक भूखी बिल्ली को लिया और उसे पिंजरे में बंद कर दिया बिल्ली भूखी थी.बिल्ली के सामने मास का एक टुकड़ा रख दिया बिल्ली पिंजरे में इधर उधर भागने लगी. लेकिन कई प्रयासों के बाद बिल्ली ने लिबर पर पैर रखा और पिंजरे से बाहर आ गई और मास का टुकड़ा खा लिया ( पिंजरे में एक लिवर लगा हुआ था जिससे पिंजरे का दरवाजा खुलता था ) इसके बाद थार्नडाइक  ने द्वारा बिल्ली को पिंजरे में बंद कर दिया इस बार भी बिल्ली भूखी थी। लेकिन इस बार बिल्ली को दरवाजा खोलने में कम मेहनत करनी पड़ी.और कुछ दिनों के लगातार प्रयास के बाद बिल्ली पिंजरे से बहुत कम समय में बाहर आ जाती।

बिल्ली पर प्रयोग करने के बाद थार्नडाइक इस निष्कर्ष पर पहुंचे की उद्दीपक और अनुक्रिया के बीच एक बंधन बन गया. थार्नडाइक ने कहाँ की उद्दीपक और अनुक्रिया के बीच बंधन होना आवश्यक हे तभी उस उद्देश्य की प्राप्ति होती हे. थार्नडाइक का मानना था की किसी भी कार्य को मानव एक बार में नहीं कर सकता उसे बार -बार प्रयास करते रहना चाहिए।