"सरना धर्म": अवतरणों में अंतर
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* [[ राजस्थान]] - 9450000 (अनुमानित)
भारत में सभी आदिवासी समुदायों की अपनी विशिष्ट भाषाएं है। भाषाविज्ञानियों ने भारत के सभी आदिवासी भाषाओं को मुख्यतः तीन भाषा परिवारों में रखा है- द्रविड़, आस्ट्रिक और चीनी-तिब्बती। लेकिन कुछ आदिवासी भाषाएं भारोपीय भाषा परिवार के अंतर्गत भी आती हैं। आदिवासी भाषाओं में ‘भीली’ बोलने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है जबकि दूसरे स्थान पर ‘गोंडी’ भाषा और तीसरे स्थान पर ‘संताली’ भाषा है। भारतीय राज्यों में एकमात्र झारखण्ड में ही 5 आदिवासी भाषाओं - संताली, मुण्डारी, हो, कुड़ुख और खड़िया - को 2011 में द्वितीय राज्यभाषा का दर्जा प्रदान किया गया।
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