"झलकारी बाई": अवतरणों में अंतर

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== ऐतिहासिक एवं साहित्यिक उल्लेख ==
[[File:Some words about Jhalkari Bai's Bravery by Maithili Saran Gupta.jpg|thumb|मैथिली सरन गुप्ता द्वारा झलकारी बाई कोली पर लिखी गई कविता]]
मुख्यधारा के इतिहासकारों द्वारा, झलकारी बाई के योगदान को बहुत विस्तार नहीं दिया गया है, लेकिन आधुनिक स्थानीय लेखकों ने उन्हें गुमनामी से उभारा है। जनकवि [[बिहारी लाल हरित]] ने 'वीरांगना झलकारी' काव्य की रचना की ।<ref>https://books.google.co.in/books?id=0D-oQz3htaYC&pg=PA27&lpg=PA27&dq=bihari+lal+harit+jhalkari&source=bl&ots=hfsp7LlZl2&sig=ACfU3U32LG0eSeu0Mw_0azeLXEZjsQrb4A&hl=en&sa=X&ved=2ahUKEwiRgomP_-fpAhX96XMBHQk6BG8Q6AEwAnoECBwQAQ#v=onepage&q=bihari%20lal%20harit%20jhalkari&f=false</ref> हरित ने झलकारी की बहादुरी को निम्न प्रकार पंक्तिबद्ध किया है :
: ''लझ्मीबाई का रूप धार, झलकारी खड़ग संवार चली ।
: ''वीरांगना निर्भय लश्कर में, शस्त्र अस्त्र तन धार चली ॥