ऐप को मिले अधिकांश रिव्यू के अनुसार, इस ऐप का वास्तविक अनुभव बग्स (समस्याओं) से भरा हुआ है। आश्चर्यचकित करने वाली बात यह है कि बग्स की रिपोर्ट करने वाले यूज़र्स ने रिव्यू में ऐप को ज्यादा रेटिंग भी दी है और इसके पीछे का कारण ऐप का भारतीय होना बताया है। इसलिए अब इस बात का सामने आना कि यह ऐप एक पाकिस्तानी डेवलपर से खरीदा गया है, निश्चित तौर पर रेटिंग में गिरावट का कारण बन सकता है। लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड...
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Mitron App का सच क्या है?
Mitron App एक Short Video Mobile App है जो की हाल में ही Google Play Store में तहलका मचा रहा है. इस Mitron mobile app की Interface बहुत ही similar है Tiktok Official App के तरह ही. यह एक social platform बन चूका है users के लिए जो की इसमें अपने Contents को Online share कर सकते हैं.
 
Mitron एक बहुत ही आसान और seamless interface प्रदान करता है users के लिए जिससे की वो इस Platform में अपने Videos create कर पायें, उन्हें edit कर सकें और साथ में उन्हें share भी कर सकें. वहीँ इसके साथ साथ वो इसमें दुसरे top videos को browse भी कर सकते हैं.
 
Mitron को एक creative social platform के तोर पर design किया गया है जहाँ की लोग खुदको और दूसरों को entertain कर पायें वो भी TikTok के तरह ही Short Video Formats का उपयोग कर.
 
मित्रों ऐप की उत्पत्ति कब हुई?
 
Mitron App की उत्पत्ति लगभग 1 महीने पहले ही हुई थी. कुछ वर्ष पहले बहुत ही short video apps शुरू हुए थे जिनमें शामिल है Tiktok, Dubsmash, Like, Halo और दुसरे. ये सभी काफी ज्यादा popular हुए क्यूंकि इनकी short format videos को audience द्वारा काफी पसदं किया गया.
 
वहीँ जब TikTok के content को लेकर जब भारत में अफरा तफरी मची तब एक नए Short Video App की शुरुवात हुई जिसका नाम है Mitron App. इसे शुरुवात से ही Indian app के नाम से popularity हासिल हुई. वहीँ काफी कम समय में इस Mitron App के लगभग 5 million से भी ज्यादा downloads हो चुके हैं. लेकिन इस बात की कोई भी सच्चाई नहीं है की ये Mitron App असल में भारतीय है भी या नहीं.
 
Mitron निकला एक Pakistani App
 
News18 के एक report के अनुसार, ये Mitron app को असल में develop किया गया है Pakistan में और वहीँ इसMitron जो की एक short video-sharing app है वो हाल ही में काफी अच्छा userbase बनाने में सफल हो गया है क्यूंकि जब से TikTok controversy चल रही है भारत में तब से Mitron की popularity दिनबदिन बढती ही जा रही है. सुनने में मिला है की इस app को, develop किया गया है एक IIT Roorkee के student Shivank Agarwal के द्वारा, वहीँ इसने अब तक करीब 5 million से भी ज्यादा की downloads हासिल करने में सफल हो चूका है Google Play Store में वो भी केवल एक ही महीने के भीतर.
 
ये सभी चीज़ें तो बस सुनने में ही आ रहा है News में और कुछ YouTube Channels में लेकिन इस बात के पीछे कितनी सच्चाई है वो जानने के लिए आपको ये article “मित्रों ऐप के पीछे की सच्चाई” पूरी तरह से पढनी होगी. तो बिना देरी किये चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं की ये Mitron App आखिर में क्या है और क्या यह Mitron App सच में भारतीय है या नहीं?Mitron जो की एक short video-sharing app है वो हाल ही में काफी अच्छा userbase बनाने में सफल हो गया है क्यूंकि जब से TikTok controversy चल रही है भारत में तब से Mitron की popularity दिनबदिन बढती ही जा रही है. सुनने में मिला है की इस app को, develop किया गया है एक IIT Roorkee के student Shivank Agarwal के द्वारा, वहीँ इसने अब तक करीब 5 million से भी ज्यादा की downloads हासिल करने में सफल हो चूका है Google Play Store में वो भी केवल एक ही महीने के भीतर.
 
ये सभी चीज़ें तो बस सुनने में ही आ रहा है News में और कुछ YouTube Channels में लेकिन इस बात के पीछे कितनी सच्चाई है वो जानने के लिए आपको ये article “मित्रों ऐप के पीछे की सच्चाई” पूरी तरह से पढनी होगी. तो बिना देरी किये चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं की ये Mitron App आखिर में क्या है और क्या यह Mitron App सच में भारतीय है या नहीं?
Mitron ऐप भारत में नहीं बनाया गया है, लेकिन एक पाकिस्तानी सॉफ्टवेयर डेवलपर Qboxus से खरीदा गया है। इस बात का खुलासा एक रिपोर्ट ने किया है। हालांकि फिर भी भारतीय मूल का ऐप कहलाने के कारण इसे भारत में बड़े पैमाने पर डाउनलोड किया जा रहा है। मित्रों नाम से जुड़ी एक दिलचस्प बात यह भी है कि इस शब्द को अक्सर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भी कई बार बोला जाता है। मित्रों का मतलब दोस्त भी होता है और कहीं न कहीं ये लोगों को देशी ऐप होने का अहसास भी दिलाता होगा। लेकिन अब नई रिपोर्ट यह दावा कर रही है कि मित्रों ऐप वास्तव में TicTic ऐप का रीब्रांडेड वर्ज़न है, जिसे Qboxus नामक एक पाकिस्तानी डेवलपर द्वारा बनाया गया था।
 
TicTic ऐप बनाने वाली कंपनी Qboxus के संस्थापक और सीईओ इरफान शेख ने News18 को बताया कि उन्होंने ऐप के सोर्स कोड को Mitron के निर्माता को 34 डॉलर यानी लगभग 2,500 रुपये में बेचा है। शेख ने आगे बताया कि उनकी कंपनी सोर्स कोड बेचती है, जिससे खरीदार ऐप को कस्टोमाइज़ करते हैं। उन्होंने नेटवर्क 18 में कहा, (अनुवादित) “डेवलपर ने जो किया है, उससे कोई समस्या नहीं है। उन्होंने स्क्रिप्ट के लिए पैसा दिया है और इसका इस्तेमाल किया, जो ठीक है। लेकिन, समस्या उन लोगों से हैं, जो इसे एक भारतीय-निर्मित ऐप बता रहे हैं, जो पूरी तरह से सच नहीं है, क्योंकि डेवलपर्स ने इस ऐप में कोई बदलाव नहीं किया है।”
 
मित्रों के निर्माता की पहचान की अभी भी पुष्टि नहीं हुई है, हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि यह आईआईटी रुड़की के एक छात्र द्वारा बनाया गया था। Google Play पर Mirton ऐप डेवलपर का वेब पेज एक वेबसाइट shopkiller.in पर ले जाता है, जो एक खाली पेज है।
 
ऐप में किसी प्रकार की प्राइवेसी पॉलिसी भी नहीं है, इसलिए जो लोग इसके लिए साइन-अप कर रहे हैं और अपने वीडियो अपलोड कर रहे हैं - उन्हें पता नहीं है कि उनके डेटा के साथ क्या किया जा रहा है। यदि ऐप द्वारा मांगी जाने वाली अनुमतियों को देखा, तो ये बहुत सारी हैं।ऐप को मिले अधिकांश रिव्यू के अनुसार, इस ऐप का वास्तविक अनुभव बग्स (समस्याओं) से भरा हुआ है। आश्चर्यचकित करने वाली बात यह है कि बग्स की रिपोर्ट करने वाले यूज़र्स ने रिव्यू में ऐप को ज्यादा रेटिंग भी दी है और इसके पीछे का कारण ऐप का भारतीय होना बताया है। इसलिए अब इस बात का सामने आना कि यह ऐप एक पाकिस्तानी डेवलपर से खरीदा गया है, निश्चित तौर पर रेटिंग में गिरावट का कारण बन सकता है।
लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।
Mitro ऐप पर उठते हैं कई सवाल, फिलहाल डाउनलोड से बचें
पढ़ें: English
Mitron ऐप डेवलपर की वेबसाइट mitron.tv है और यदि आप उस वेबसाइट को खोलते हैं, तो कुछ समय पहले तक यह आपको मित्रों के Google Play पेज पर ले जाता था, लेकिन खबर को लिखने के समय यह केवल एक खाली पेज दिखा रहा था।
 
प्रणय परब, अपडेटेड: 30 मई 2020 15:26 IST
ख़ास बातें
Mitro ऐप मांगता है कई सारी अनुमतियां, लेकिन प्राइवेसी पॉलिसी के बिना
डेवलपर की वेबसाइट है एक खाली पेज, यहां बढ़ता है शक
मित्रों ऐप को लेकर दावा, पाकिस्तान की TicTic ऐप का है रीब्रांडेड वर्ज़न
 
Mitron ऐप को Google Play Store पर 50 लाख से अधिक बार डाउनलोड किया जा चुका है
 
Mitro, इस TikTok क्लोन ऐप को अभी तक 50 लाख से अधिक लोगों ने डाउनलोड कर लिया है। कथित तौर पर यह ऐप मेड-इन-इंडिया है, लेकिन इसके पीछे भी एक कहानी है। हाल ही में खुलासा हुआ है कि यह ऐप दरअसल पाकिस्तान की TicTic ऐप का रीब्रांडेड वर्ज़न है, जिसके सोर्स कोड को लगभग 2,500 रुपये में खरीदा गया है। मित्रों ऐप का भारतीय ऐप के रूप में प्रचार किया जा रहा है, जिसके चलते बेहद कम समय में इसे 50 लाख से अधिक बार डाउनलोड किया जा चुका है। जहां एक ओर इसकी लोकप्रियता तेज़ी से बढ़ रही है, वहीं, यह प्रश्न भी उठता है कि क्या Mitron ऐप इस्तेमाल करने के लिए सुरक्षित है? क्या आपको यह ऐप डाउनलोड करना चाहिए या इसे सुरक्षा की दुहाई देकर इसको डाउनलोड करने से बचना चाहिए?
 
Mitron आपको TikTok की तरह ही शॉर्ट वीडियो अपलोड करने का विकल्प देता है, लेकिन चीनी ऐप के विपरीत, मित्रों ऐप में प्राइवेसी पॉलिसी (गोपनियता नीति) शामिल नहीं है। प्राइवेसी पॉलिस से यह पता चलता है कि ऐप आपके डेटा का इस्तेमाल कैसे कर सकता है और पॉलिसी में ऐप के इस्तेमाल करने के महत्वपूर्ण नियमों और शर्तों की जानकारी भी होनी चाहिए। हालांकि मित्रों ऐप को देखकर ऐसा लगता है कि डेवलपर्स के लिए ये पॉलिसी बिल्कुल मायने नहीं रखती है। यदि आप Mitron के Google Play पेज पर जाते हैं और सबसे नीचे प्राइवेसी पॉलिसी लिंक पर क्लिक करते हैं, तो यह आपको shopkiller.in नाम की एक साइट पर ले जाएगा, जो एक खाली पेज है।
 
 
 
हमने इस डोमेन नेम क जांच पड़ताल की और पाया कि डोमेन GoDaddy के जरिए रजिस्टर्ड है और इसका एड्रेस उत्तराखंड, भारत का है। Mitron कथित रूप से एक आईआईटी-रुड़की छात्र द्वारा विकसित किया गया था, इसलिए उत्तराखंड का पता इस कड़ी से कहीं न कहीं जुड़ता है। हालांकि, यह कड़ी ज़रा कमजोर प्रतित होती है।
 
वापस एप्लिकेशन अनुमतियों पर आते हैं। मित्रों आपके एंड्रॉयड फोन पर बहुत सारी अनुमति मांगता है। एक बार फिर से Google Play पर जांच करने से हमें पता चलता है कि Mitron आपसे आपके फोटो, इंटरनल स्टोरेज, कैमरा, माइक्रोफोन, टॉर्च की अनुमति मांगता है और यहां तक की आपके डिवाइस को स्लीप पर जाने से भी रोकता है। अब हम जानते हैं कि वीडियो शेयरिंग ऐप के लिए इसकी सबसे अधिक आवश्यकता होती है, लेकिन यदि ऐप के पास कोई प्राइवेसी पॉलिसी है ही नहीं और डेवलपर एक अज्ञात संस्था है, तो आपको कैसे पता चलेगा कि आपका डेटा संदेहपूर्ण विज्ञापन कंपनियों को नहीं बेचा जा रहा है?
 
डेवलपर की वेबसाइट mitron.tv है और यदि आप उस वेबसाइट को खोलते हैं, तो कुछ समय पहले तक यह आपको मित्रों के Google Play पेज पर ले जाता था, लेकिन खबर को लिखने के समय यह केवल एक खाली पेज दिखा रहा था। 50 लाख से अधिक बार डाउनलोड किए जा चुके इस ऐप की कोई वेबसाइट नहीं है और न ही कोई गोपनीयता नीति है। क्या आप इस पर विश्वास करेंगे? Mitron के डेवलपर शायद इस ऐप के इस कदर वायरल होने की उम्मीद न कर रहे हो, लेकिन फिर भी किसी अंजान व्यक्ति या संस्था को अपनी व्यक्तिगत जानकारी, निजी वीडियो, स्टोर किए गए फोटो के एक्सेस की अनुमति देना, अपनी प्राइवेसी दाव पर लगाने से कम नहीं है।
 
Mitron को निसंदेह अपनी गोपनीयता समस्याओं को जल्द ही ठीक करने की आवश्यकता है, लेकिन तब तक, हम आपको इस ऐप का इस्तेमाल करने की सलाह नहीं देंगे।
 
इन सभी बातों को जानने के बाद, क्या आपको अभी भी लगता है कि आपको मित्रों को इस्तेमाल करना चाहिए?