"पार्मीजनीनो": अवतरणों में अंतर

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पार्मीजनीनो का समूचा परिवार कलाकारों का था। फलतः जन्मजात संस्कारों और अपनी मौलिक प्रतिभा के कारण वह १४ वर्ष से भी कम उम्र में एक अच्छा कलाकार माना जाने लगा और १९ वर्ष से भी कम उम्र में उसने पारमा चर्च की सात चैपल के भित्तिचित्रों की सुसज्जा की। अपने अध्ययन को परिपक्व करने वह [[रोम]] चला गया, पर वहाँ के [[पोप क्लीमेंट सप्तम]] ने उसकी ख्याति सुनकर स्थानीय गिर्जाघर की भीतरी छत के चित्रण का कार्य सौंप दिया। सन् १५२७ में वारवून के नेतृत्व में जब साम्राज्यवादियों और [[चार्ल्स पंचम]] के सैनिकों ने उक्त नगर को लूटा और विध्वंस किया तो कहते हैं इस घोर अंशांति और गड़बड़ में भी वह चुपचाप अपने एक सुप्रसिद्ध चित्र को बनाने में व्यस्त रहा। सैनिकों ने उसके स्टूडियों पर भी छापा मारा और काफी तहस नहस किया, पर उसकी किसी कदर शांति भंग न हुई। हारकर सैनिकों के नेता ने उसकी रक्षा की।
[[चित्र:Parmigianino 001.jpg|right|thumb|300px|गुलाब के फूलों के बीच मदोना, १५३०]]
 
इस दुर्घटना के पश्चात् वह रोम छोड़कर [[बोलोग्ना]] जा बसा जहाँ उसने अनेक महत्वपूर्ण चित्रों का निर्माण किया। [[सेंट मेरिया चर्च]] में उसे बड़े ही दुरूह और गुंफित भित्तिचित्रों के निर्माण का आदेश हुआ, किन्तु अनवरत श्रम और साधना के बावजूद वह अपने [[अनुबन्ध]] को समय पर पूरा न कर सकने के कारण जेल भेज दिया गया। जेल से छूटकर वह क्रेमोना क्षेत्र में अज्ञात रूप से भाग गया, पर परिस्थितियों ने उसके शरीर और मन को इतना क्लान्त एवं जर्जर कर दिया था कि वहीं ३७ वर्ष की अल्पायु में ही उसकी मृत्यु हो गई।
 
वेज़ेरी ने उसकी इस बदकिस्मती, और काम करने के शैथिल्य को शराब की एक वजह माना है, पर यह कहानी अब मिथ्या सिद्ध हो चुकी है। उसने इचिंग, बुडकट और पोट्रेट चित्र भी काफी संख्या में बनाए। उसकी निर्माण पद्धति और टेकनीक पर कोरेज्जिओ और रैफेल का प्रभाव द्रष्टव्य है।
 
==सन्दर्भ==
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[[श्रेणी:इटली के चित्रकार]]