"हिंदी साहित्य": अवतरणों में अंतर

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{{मुख्य|हिंदी साहित्य का इतिहास}}
 
हिंदी साहित्य का आरंभआरम्भ आठवीं शताब्दी से माना जाता है। यह वह समय है जब [[हर्षवर्धन|सम्राट् हर्ष]] की मृत्यु के बाद देश में अनेक छोटे-छोटे शासन केंद्र स्थापित हो गए थे जो परस्पर संघर्षरत रहा करते थे। विदेशी [[मुसलमान]]ों से भी इनकी टक्कर होती रहती थी। [[हिंदी साहित्य|हिन्दी साहित्य]] के विकास को आलोचक सुविधा के लिये पाँच ऐतिहासिक चरणों में विभाजित कर देखते हैं, जो क्रमवार निम्नलिखित हैं:-
 
* [[आदिकाल]] (१३७५ विक्रम संवत से पहले)
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कृष्णाश्रयी शाखा के प्रमुख कवि हैं- [[सूरदास]], [[नंददास]], [[कुम्भनदास]], [[छीतस्वामी]], [[गोविंदस्वामी|गोविन्द स्वामी]], [[चतुर्भुजदास|चतुर्भुज दास]], [[कृष्णदास]], [[मीरा बाई|मीरा]], [[रसखान]], [[रहीम]] आदि। चार प्रमुख कवि जो अपनी-अपनी धारा का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये कवि हैं (क्रमशः)
 
:[[कबीर]]दास (१३९९)-(१५१८)
 
:[[मलिक मोहम्मद जायसी]] (१४७७-१५४२)
 
:[[सूरदास]] (१४७८-१५८०)
 
:[[तुलसीदास]] (१५३२-१६०२)
 
=== रीति काल ===
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*[[दलित साहित्य]]
*[[आदिवासी साहित्य]]
*[[हिन्दी के बाल साहित्‍यसाहित्यकार]]
*[[ज्ञानपीठ पुरस्कार|ज्ञानपीठ]]
*[[हिन्दी गद्यकार]]