"चित्रालेख": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Madaraneko by Takeuchi Seiho.jpg|thumb|220px|रंगों का नियंत्रित प्रयोग, साफ़ चित्रण और सरल लेकिन शक्तिशाली छवियाँ [[जापान]] के पारम्परिक चित्रालेख के लक्षण हैं (ताकेऊची सेइहो द्वारा सन् १९२४ में बनाया बिल्ली का चित्र)]]
'''चित्रालेख''' या '''ग्राफ़िक्स''' ऐसे [[दृश्य बोध|दृश्य प्रदर्शन]] को कहते हैं जो किसी दीवार, कपड़े, काग़ज़, पत्थर, कंप्यूटर स्क्रीन या अन्य सतह पर ज्ञान, मनोरंजन, सन्देश, मार्गदर्शन, पहचान या अन्य किसी ध्येय से बनाया गया हो। इसके उदहारण लिखाई, फ़ोटो, चित्र, अंक, अक्षर, इत्यादि हैं। चित्रालेख में अक्सर लिखाई, चित्र, रंगों और अन्य तत्वों को मिलाया जाता है। [[होमो सेपियन्स|मानवों]] में यह क्षमता है कि वे चित्रलेखों को देखकर उन से अर्थ भाप पाते हैं।<ref name="ref61reyol">{{cite web | title=Comprehension of graphicsVolume 108 of Advances in psychologyVolume 108 of Advances in Image Communication | author=Wolfgang Schnotz, Raymond W. Kulhavy | publisher=Elsevier, 1994 | isbn=9780444817921 | url=http://books.google.com/books?id=E-oUXjNzNR8C | quote=''... The comprehension of graphics is not only a stimulating topic in the fields of science and instructional psychology, but also in related disciplines such as semiotics, and artificial intelligence ...''}}</ref> इस प्रक्रिया पर [[संकेतविज्ञान|लक्षण-विज्ञान]] में अध्ययन किया जाता है।
ग्राफ़िक डिज़ाइन आज के युग में बहुत ही ज्यादा प्रसिद होने वाला स्किल है आपने बहुत सारे फिल्म के पोस्टर देखे होंगे , लोगो देखे होंगे , पोस्टर देखे होंगे , वेब डिज़ाइन , किताब की कवर डिज़ाइन , एप्लीकेशन डिज़ाइन ये सब काम एक ग्राफ़िक डिज़ाइनर का होता है अगर आप एक बार ग्राफ़िक डिज़ाइनर बन जाते हो तो आप फ्रीलांसर की तरह काम करके बहुत सारे पैसे कमा सकते हो
 
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