"सारस (पक्षी)": अवतरणों में अंतर

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=== वितरण और आवास ===
[[चित्र:Sarus Cranes.jpg|thumb|250px|सारस परिवार]]
 
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पूरे [[ब्रह्माण्ड|विश्व]] में इसकी कुल आठ जातियां पाई जाती हैं। इनमें से चार [[भारत]] में पाई जाती हैं। पांचवी साइबेरियन क्रेन [[भारत]] में से सन् [[२००२]] में ही विलुप्त हो गई। [[भारत]] में सारस पक्षियों की कुल संख्या लगभग ८००० से १०००० तक है। इनका वितरण [[भारत]] के उत्तरी, उत्तर-पूर्वी, उत्तर-पश्चिमी एवं पश्चिमी मैदानो में और [[नेपाल]] के कुछ तराई इलाको में है। विशेषतः गंगीय प्रदेशों के मैदानी भाग इनके प्रिय आवासीय क्षेत्र होते हैं। [[भारत]] में पाए जाने वाले सारस प्रवासी नहीं होते हैं और मुख्यतः स्थाई रूप से एक ही भौगोलिक क्षेत्र में निवास करते हैं। इनके मुख्य निवास स्थान दलदली भूमि, बाढ़ वाले स्थान, [[तालाब]], [[झील]], परती जमीन और मुख्यतः [[धान]] के खेत इत्यादि हैं। ये मुख्यतः २ से ५ तक की संख्या में रहते हैं। अपने घोसले छिछले [[जल|पानी]] के आस-पास में जहां हरे-भरे पौधों (मुख्यतः झाड़ियां और घास) की बहुतायत होती है वहीं बनाना पसंद करते हैं। ये मुख्यतः शाकाहारी होते हैं और कंदो, बीजों और अनाज के दानों को ग्रहण करते हैं। कभी कभी ये कुछ छोटे अकशेरुकी जीवों को भी खाते हैं।