"इस्लामोफ़ोबिया": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Anti islam.jpg|अंगूठाकार|
'''इस्लामोफ़ोबिया''' ये एक विचार है जो आज बहुत प्रचलन में है। लोगों के दिलों में इस्लाम या इस्लाम को मानने वाले हर मुसलमान के लिए एक हिंसा, भय, घृणा और भेदभाव को ही इस्लामोफोबिया कहते हैं।
इस अवधारणा का कारण इस्लाम को मानने वाले ही है। जब कोई ",अल्लाह हू अकबर" इस नारे के साथ आत्मघाती हमला करेगा तो वो इस्लामोफोबिया को ही फैलाएगा ही । जब तथाकथित इस्लाम को मानने वाले (क्योंकि इस्लाम तो बहुत ऊंची चीज है) आतंकवादी संगठन अपने नाम "जैश ए मुहम्मद" लश्करे तैयबा रखेंगे तो वे इस विचारधारा को फेलायेंगे ही जब एक कार्टून के लिए मुस्लिम चरमपंथी "शार्ली हेब्दो" पर हमला कर दसियों बेकसूरों को मारेंगें तो वे भी इस्लामोफोबिया को बढ़ावा ही देंगे। ऐसे हजारों उदाहरण है ।
ये नही कि हर मुसलमान आतंकी है पर 90%आतंकी मुसलमान जरूर है।
इस विचार को और इस मिथक को तोड़ना अब इस्लाम के मानने वालों की ही जिम्मेदारी है।
क्या कारण है कि इस्लाम के 52 फिकरे बन गए जबकि हुजूर सलोउल्लाह अहले वसल्लम ने एक ही इस्लाम और एक ही क़ुरआने पाक दुनिया को दिया था। और ये 52 फिकरे आपसे में ही एक दूसरे के खून के प्यासे क्यों है।
इस्लाम मे कट्टरता ही सबसे बड़ी समस्या है जिससे इस्लाम को खुद ही लड़ना पड़ेगा क्योंकि ये इस्लाम के अंदर ही है और इससे अंदर वाले ही लड़ सकते हैं।
और जिस दिन कट्टरता खत्म हो गई उसी दिन ये शब्द "इस्लामोफोबिया" स्वतः समाप्त हो जाएगा।
हुजूर के बाद उनके परिवार को शहीद करने वाले भी तथाकथित इस्लाम को मानने वाले ही थे।
पेशावर हो या पुलवामा या वर्ल्ड ट्रेड सेंटर या ऐसी किसी भी जगह जहां वो तथाकथित इस्लाम को मानने वाले किसी बेगुनाह को कट्टर इस्लाम के कारण मारते है वे इस्लामोफोबिया को ही फैलाते हैं।
इनका विरोध करना हर मुसल्लम इमान वाले का फर्ज़ है।
▲|isbn=0-415-40448-7|page=140}}</ref><ref name=levandehistoria>[http://web.archive.org/web/20100812143947/http://www.levandehistoria.se/files/islamofobi.pdf Islamofobi - en studie av begreppet, ungdomars attityder och unga muslimers utsatthet], published by [[Forum för levande historia]]</ref> इस्लामोफ़ोबिया दो शब्दों से मिलकर बना है: (इस्लामो+फ़ोबिया), जिसका हिंदी में अर्थ होता है- '''इस्लाम का भय'''। यह शब्दावली मुख्य रूप से पश्चिमी देशों द्वारा काम में ली जाती है। 1997 में, ब्रितानी रुन्नीमेडे ट्रस्ट ने '''इस्लामोफ़ोबिया''' के बारे में बताते हुए कहा कि यह अवधारणा मुसलमानों को देश के आर्थिक, सामाजिक और सार्वजनिक जीवन से बाहर करके मुसलमानों के ख़िलाफ़ भेदभाव के व्यवहार को दर्शाती है। यह अवधारणा यह भी मानती है कि इस्लाम अन्य संस्कृतियों के साथ कोई भी मूल्य साझा नहीं करता हैं, यह पश्चिम की संकृति से निम्न कोटि का है और एक धर्म के बजाय हिंसक राजनीतिक विचारधारा है।<ref name=Runnymede5>Runnymede 1997, p. 5, cited in Quraishi 2005, p. 60.</ref>
==हवाले==
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