"इस्लामोफ़ोबिया": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Anti islam.jpg|अंगूठाकार|इस्मामोफ़ोबिया]]
'''इस्लामोफ़ोबिया''' [[इस्लाम|मुसलमानों]] के ख़िलाफ़ और उनके प्रति तर्कहीन भय या घृणा का पूर्वाग्रह है।<ref>{{cite book
'''इस्लामोफ़ोबिया''' ये एक विचार है जो आज बहुत प्रचलन में है। लोगों के दिलों में इस्लाम या इस्लाम को मानने वाले हर मुसलमान के लिए एक हिंसा, भय, घृणा और भेदभाव को ही इस्लामोफोबिया कहते हैं।
|author=Fredman, Sandra
इस अवधारणा का कारण इस्लाम को मानने वाले ही है। जब कोई ",अल्लाह हू अकबर" इस नारे के साथ आत्मघाती हमला करेगा तो वो इस्लामोफोबिया को ही फैलाएगा ही । जब तथाकथित इस्लाम को मानने वाले (क्योंकि इस्लाम तो बहुत ऊंची चीज है) आतंकवादी संगठन अपने नाम "जैश ए मुहम्मद" लश्करे तैयबा रखेंगे तो वे इस विचारधारा को फेलायेंगे ही जब एक कार्टून के लिए मुस्लिम चरमपंथी "शार्ली हेब्दो" पर हमला कर दसियों बेकसूरों को मारेंगें तो वे भी इस्लामोफोबिया को बढ़ावा ही देंगे। ऐसे हजारों उदाहरण है ।
|title=Discrimination and human rights: the case of racism
ये नही कि हर मुसलमान आतंकी है पर 90%आतंकी मुसलमान जरूर है।
|publisher=Oxford University Press
इस विचार को और इस मिथक को तोड़ना अब इस्लाम के मानने वालों की ही जिम्मेदारी है।
|location=Oxford [Oxfordshire]
क्या कारण है कि इस्लाम के 52 फिकरे बन गए जबकि हुजूर सलोउल्लाह अहले वसल्लम ने एक ही इस्लाम और एक ही क़ुरआने पाक दुनिया को दिया था। और ये 52 फिकरे आपसे में ही एक दूसरे के खून के प्यासे क्यों है।
|year=2001
इस्लाम मे कट्टरता ही सबसे बड़ी समस्या है जिससे इस्लाम को खुद ही लड़ना पड़ेगा क्योंकि ये इस्लाम के अंदर ही है और इससे अंदर वाले ही लड़ सकते हैं।
|isbn=0-19-924603-3
और जिस दिन कट्टरता खत्म हो गई उसी दिन ये शब्द "इस्लामोफोबिया" स्वतः समाप्त हो जाएगा।
|page=121}}</ref>
हुजूर के बाद उनके परिवार को शहीद करने वाले भी तथाकथित इस्लाम को मानने वाले ही थे।
<ref>{{cite book
पेशावर हो या पुलवामा या वर्ल्ड ट्रेड सेंटर या ऐसी किसी भी जगह जहां वो तथाकथित इस्लाम को मानने वाले किसी बेगुनाह को कट्टर इस्लाम के कारण मारते है वे इस्लामोफोबिया को ही फैलाते हैं।
|author=Haddad, Yvonne Yazbeck
|title=Muslims in the West: from sojourners to citizens
इनका विरोध करना हर मुसल्लम इमान वाले का फर्ज़ है।
|publisher=Oxford University Press
|location=Oxford [Oxfordshire]
 
|year=2002
 
|isbn=0-19-514806-1
|isbn=0-415-40448-7|page=140}}</ref><ref name=levandehistoria>[http://web.archive.org/web/20100812143947/http://www.levandehistoria.se/files/islamofobi.pdf Islamofobi - en studie av begreppet, ungdomars attityder och unga muslimers utsatthet], published by [[Forum för levande historia]]</ref> इस्लामोफ़ोबिया दो शब्दों से मिलकर बना है: (इस्लामो+फ़ोबिया), जिसका हिंदी में अर्थ होता है- '''इस्लाम का भय'''। यह शब्दावली मुख्य रूप से पश्चिमी देशों द्वारा काम में ली जाती है। 1997 में, ब्रितानी रुन्नीमेडे ट्रस्ट ने '''इस्लामोफ़ोबिया''' के बारे में बताते हुए कहा कि यह अवधारणा मुसलमानों को देश के आर्थिक, सामाजिक और सार्वजनिक जीवन से बाहर करके मुसलमानों के ख़िलाफ़ भेदभाव के व्यवहार को दर्शाती है। यह अवधारणा यह भी मानती है कि इस्लाम अन्य संस्कृतियों के साथ कोई भी मूल्य साझा नहीं करता हैं, यह पश्चिम की संकृति से निम्न कोटि का है और एक धर्म के बजाय हिंसक राजनीतिक विचारधारा है।<ref name=Runnymede5>Runnymede 1997, p. 5, cited in Quraishi 2005, p. 60.</ref>
|page=19}}</ref>
<ref>''Islamophobia: A Challenge for Us All'', [[Runnymede Trust]], 1997, p. 1, cited in {{cite book
|author=Quraishi, Muzammil
|title=Muslims and crime: a comparative study
|publisher=Ashgate
|location=Aldershot, Hants, England
|year=2005
|isbn=0-7546-4233-X|page=60}}</ref><ref>Early in 1997, the Commission on [[British Muslims]] and Islamophobia, at that time part of the Runnymede Trust, issued a consultative document on Islamophobia under the chairmanship of Professor Gordon Conway, [[Vice-Chancellor]] of the [[University of Sussex]]. The final report, ''Islamophobia: A Challenge for Us All'', was launched in November 1997 by [[Home Secretary]] [[Jack Straw]]</ref><ref name=HoldenHicks>{{cite book
|author=Holden, Cathie; Hicks, David V.
|title=Teaching the global dimension: key principles and effective practice
|publisher=Routledge
|location=New York
|year=2007
|isbn=0-415-40448-7|page=140}}</ref><ref name=levandehistoria>[http://web.archive.org/web/20100812143947/http://www.levandehistoria.se/files/islamofobi.pdf Islamofobi - en studie av begreppet, ungdomars attityder och unga muslimers utsatthet], published by [[Forum för levande historia]]</ref> इस्लामोफ़ोबिया दो शब्दों से मिलकर बना है: (इस्लामो+फ़ोबिया), जिसका हिंदी में अर्थ होता है- '''इस्लाम का भय'''। यह शब्दावली मुख्य रूप से पश्चिमी देशों द्वारा काम में ली जाती है। 1997 में, ब्रितानी रुन्नीमेडे ट्रस्ट ने '''इस्लामोफ़ोबिया''' के बारे में बताते हुए कहा कि यह अवधारणा मुसलमानों को देश के आर्थिक, सामाजिक और सार्वजनिक जीवन से बाहर करके मुसलमानों के ख़िलाफ़ भेदभाव के व्यवहार को दर्शाती है। यह अवधारणा यह भी मानती है कि इस्लाम अन्य संस्कृतियों के साथ कोई भी मूल्य साझा नहीं करता हैं, यह पश्चिम की संकृति से निम्न कोटि का है और एक धर्म के बजाय हिंसक राजनीतिक विचारधारा है।<ref name=Runnymede5>Runnymede 1997, p. 5, cited in Quraishi 2005, p. 60.</ref>
 
==हवाले==