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'''गीतावली''' [[तुलसीदास|गोस्वामी तुलसीदास]] की काव्य कृति है। गीतावली तुलसीदास की प्रमाणित रचनाओं में मानी जाती है। यह [[बृज भाषा|ब्रजभाषा]] में रचित गीतों वाली रचना है जिसमें [[राम]] के चरित की अपेक्षा कुछ घटनाएँ, झाँकियाँ, मार्मिक भावबिन्दु, ललित रस स्थल, करुणदशा आदि को प्रगीतात्मक भाव के एकसूत्र में पिरोया गया है। ब्रजभाषा यहाँ काव्यभाषा के रूप में ही प्रयुक्त है बल्कि यह कहा जा सकता है कि गीतावली की भाषा [[सर्वनाम]] और [[क्रियापदों]] को छोड़कर प्रायः [[अवधी]] ही है।<ref>{{cite book |title=तुलसी काव्य मीमांसा |url=http://books.google.co.in/books?id=Hobszd8lJIoC&pg=PA378 |publisher=राजकमल प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड |year=२००८ |isbn=9788171196869 |access-date=6 अक्तूबर 2014 |archive-url=https://web.archive.org/web/20141009235623/http://books.google.co.in/books?id=Hobszd8lJIoC&pg=PA378 |archive-date=9 अक्तूबर 2014 |url-status=live }}</ref>
 
'गीतावली' नामकरण [[जयदेव]] के [[गीतगोविन्द]], [[विद्यापति]] की [[पदावली]] की परम्परा में ही है जो नामकरण मात्र से अपने विषयवस्तु को प्रकट करती है। गीतावली में संस्कृतवत तत्सम पदावली का प्रयोग सूरदास की लोकोन्मुखी ब्रजभाषा की तुलना में न केवल अधिक है बल्कि तुलसी के भावावेगों के व्यक्त करने में वह सहायक सिद्ध हुई है। [[रामचन्द्र शुक्ल]] के अनुसार हृदय के त्रिविध भावों की व्यंजना गीतावाली के मधुर पदों में देखने में आती है।
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==बाहरी कड़ियाँ==
*[https://web.archive.org/web/20141006125806/http://www.hindisamay.com/contentDetail.aspx?id=658&pageno=1 गीतावली] (हिन्दी समय)
 
[[श्रेणी:हिन्दी ग्रन्थ]]