"गोमती नदी (उत्तर प्रदेश)": अवतरणों में अंतर
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'''ग्रहणे काशी, मकरे प्रयाग। चैत्र नवमी अयोध्या, दशहरा धोपाप।।'''
अर्थात् अगर वर्ष भर में ग्रहण का स्नान काशी में, मकर संक्रान्ति स्नान प्रयाग में, चैत्र मास नवमी तिथि का स्नान अयोध्या में और ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष दशहरा तिथि का स्नान "धोपाप" में कर लिया जाय तो अन्य किसी जगह जाने की आवश्यकता ही नहीं है। बस इतने मात्र से ही मनुष्य को सीधे बैकुण्ठ की प्राप्ति होती है...!!<ref>{{cite web | url = http://srimadbhagavatam.com/sb/5/19/17-18/en1 | title = Bhaktivedanta VedaBase: Srimad Bhagavatam 5.19.17-18 | date = 2010-01-04 | accessdate = 2010-01-04 | archive-url = https://www.webcitation.org/675F3dhlg?url=http://srimadbhagavatam.com/sb/5/19/17-18/en1 | archive-date = 21 अप्रैल 2012 | url-status = dead }}</ref>
== उद्गम ==
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== प्रदूषण ==
आईटीआरसी के शोधपत्र के मुताबिक चीनी मिलों और शराब के कारखानों के कचरे के कारण यह नदी प्रदूषित हो चुकी है। गोमती में जो कुछ पहुंचता है वह पानी नहीं बल्कि औद्योगिक कचरा होता है। सरकार भी मानती है कि गोमती में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है।
इतना ही नहीं यूपी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट कमेटी ने तो इस नदी में प्रदूषण को लेकर सबसे कठोर टिप्पणी की थी। कमेटी ने इस नदी के प्रदूषण के लिए यूपी के मुख्य सचिव से लेकर सभी बड़े अफसरों को इसके लिए कसूरवार बताया था। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि गोमती की हालत ऐसी हो गई है कि इसमें डुबकी लगाने से लेकर इसके किनारों पर टहलने तक से परहेज करने की जरूरत है। इस कमेटी ने नदी के आस पास की जगह को बेहद प्रदूषित करार देते हुए नदी के 150 मीटर के दायरे में किसी तरह के निर्माण कार्य नहीं होने देने की ताकीद की थी। इस सिलसिले में नदी के किनारे बसे 11 जिलों के डीएम को इस कमेटी ने नोटिस जारी कर कहा था वे जितनी जल्द हो सके इसे प्रदूषण से बचाने के लिए जरूरी इंतजाम करें। इसके साथ ही अनुपालन गारंटी के रूप में प्रदेश सरकार से 100 करोड़ रुपये जमा कराने के लिए एनजीटी से सिफारिश की गई। <ref>{{cite news | url = http://timesofindia.indiatimes.com/city/lucknow/Aiming-for-a-scrubbed-clean-look/articleshow/7376022.cms | title = Aiming for a scrubbed clean look | date = 2010-01-28 | accessdate = 2010-01-28 | work = द टाइम्स औफ़ इण्डिया | archive-url = https://web.archive.org/web/20110226141654/http://timesofindia.indiatimes.com/city/lucknow/Aiming-for-a-scrubbed-clean-look/articleshow/7376022.cms | archive-date = 26 फ़रवरी 2011 | url-status = live }}</ref><ref>{{cite web|url = http://www.downtoearth.org.in/node/13371|
=== गोमती में प्रदूषण का प्रमुख स्रोत हैं: ===
* औद्योगिक कचरे और चीनी कारखानों और मद्यनिष्कर्षशालाओं से प्रवाह।
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