"चन्द्रपुर": अवतरणों में अंतर

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[[File:चन्द्रपुर शहर.png|thumb|300px|चन्द्रपुर शहर]]
'''चंद्रपुर''' (Chandrapur), जिसका भूतपूर्व नाम '''चांदा''' (Chanda) था, [[भारत]] के [[महाराष्ट्र]] राज्य के [[चंद्रपुर जिला|चंद्रपुर ज़िले]] में स्थित एक नगर है। यह उस ज़िले का मुख्यालय भी है। यह इन्द्र देवता की नगरी के रूप में विख्यात है और इसे इन्द्रपुरी भी कहते हैं।<ref>"[https://books.google.com/books?id=TQ1ACQAAQBAJ RBS Visitors Guide India: Maharashtra Travel Guide] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20190703140613/https://books.google.com/books?id=TQ1ACQAAQBAJ |date=3 जुलाई 2019 }}," Ashutosh Goyal, Data and Expo India Pvt. Ltd., 2015, ISBN 9789380844831</ref><ref>"[https://books.google.com/books?id=5xefEXhvG8EC Mystical, Magical Maharashtra] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20190630170850/https://books.google.com/books?id=5xefEXhvG8EC |date=30 जून 2019 }}," Milind Gunaji, Popular Prakashan, 2010, ISBN 9788179914458</ref>
 
चन्द्रपुर पूर्वी महाराष्ट्र में [[वर्धा]] नदी की एक सहायक नदी [[इरई और झरपट]] के तट पर स्थित है। चंद्रपुर का अर्थ है, 'चंद्रमा का घर'। चंद्रपुर में एक इंजीनियरिंग कॉलेज भी है। [[वन|जंगल]] औऱ [[बाघ]]ों के लिये पहचाना जाने वाला ये शहर [[गोंड़कालीन]] प्राचीन ऐतिहासिक धरोहरो के लिए भी पहचाना जाता है। [[महाकाली देवी]], [[अंचलेश्वर मंदिर]] के साथ 550 वर्ष प्राचीन गोंड राजाओं द्वारा निर्मित किला भी है। गडचिरोली, नागपुर, यवतमाल आदि जिलों की सीमा चन्द्रपुर से लगती है।
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;चंद्रपुर का किला
चंद्रपुर किला (जिसे पहले चंदा किला कहा जाता था) (आज "पुराना शहर" कहा जाता है), एक किला है जो इराई और ज़ारपत नदियों के संगम पर स्थित है। किले का निर्माण गोंड राजा, खण्डक बल्लाल साह ने करवाया था। किले के चार द्वार हैं: उत्तर में जटपुरा द्वार, पूर्व में अंचलेश्वर द्वार, दक्षिण में पठानपुरा गेट और पश्चिम में बिनबा गेट। किले में चार छोटे द्वार भी हैं, जिन्हें खिड़कियाँ कहा जाता है: उत्तर पूर्व में बगद खिड़की, दक्षिण-पूर्व में हनुमान खिड़की, दक्षिण पश्चिम में विठोबा खिड़की और उत्तर पश्चिम में चोर खिड़की। किले के चारो ओर 15-20 फीट ऊंची मजबूत दीवारें हैं।<ref>{{Cite web |url=https://chanda.nic.in/places-of-interest/ |title=संग्रहीत प्रति |access-date=22 नवंबर 2019 |archive-url=https://web.archive.org/web/20190816162143/https://chanda.nic.in/places-of-interest/ |archive-date=16 अगस्त 2019 |url-status=live }}</ref>
{{Gallery
|title=चंद्रपुर किले के द्वार और खिड़कियाँ
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;ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान
[[File:Tiger at Tadoba.jpg|thumb|[[ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान|ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व]] में बाघ]]
[[ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान|ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व]], एराई बांध के पास चंद्रपुर से लगभग 30 किमी उत्तर में स्थित है। इस उद्यान को 1973 से प्रोजेक्ट टाइगर में शामिल किया गया था। रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 625.40 वर्ग किमी है। 2014 में ताडोबा में बाघों की आबादी 66 थी, यह संख्या बढ़कर 86 हो गई है। ताडोबा अब वर्षों तक लिंचिंग, अवैध शिकार और अन्य खतरों के बावजूद 86 बाघों का घर है।<ref>https://timesofindia.indiatimes.com/city/nagpur/state-tiger-count-may-be-up-by-40-in-2014-to-230-now/articleshow/65862813.cms</ref> मोहरली गेट, जरी गेट और रिजर्व के नवेगांव फाटक के पास कई होटल और रिसॉर्ट हैं, जो पर्यटकों के लिए उपलब्ध हैं। उद्यान के अंदर निर्देशित पर्यटन केवल सुबह और शाम के समय के दौरान उपलब्ध हैं।<ref>{{Cite web |url=http://www.mahaforest.nic.in/project_tiger_detail.php?lang_eng_mar=Mar&sat_id=14 |title=संग्रहीत प्रति |access-date=22 नवंबर 2019 |archive-url=https://web.archive.org/web/20190121081706/http://www.mahaforest.nic.in/project_tiger_detail.php?lang_eng_mar=Mar&sat_id=14 |archive-date=21 जनवरी 2019 |url-status=live }}</ref>
 
== इन्हें भी देखें ==