"ज़ाक देरिदा": अवतरणों में अंतर

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|birth_date = {{Birth date|1930|07|15}}
|birth_place = [[El Biar]], [[French Algeria]]
|death_date = {{Death date and age|2004|10|09|1930|07|15}}<ref name="obituary">{{cite web |url=http://www.nytimes.com/2004/10/10/obituaries/jacques-derrida-abstruse-theorist-dies-at-74.html |title=Jacques Derrida, Abstruse Theorist, Dies at 74 |author=Jonathan Kandell |date=October 10, 2004 |access-date=12 अगस्त 2016 |archive-url=https://web.archive.org/web/20160822192558/http://www.nytimes.com/2004/10/10/obituaries/jacques-derrida-abstruse-theorist-dies-at-74.html |archive-date=22 अगस्त 2016 |url-status=live }}</ref>
|death_place = [[Paris]], [[फ़्रान्स|France]]<ref name="obituary" />
|spouse = [[Marguerite Aucouturier]]
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== जीवन ==
देरिदा फ्रेंच अल्जीरिया में एक यहूदी परिवार में 15 जुलाई 1930 को पैदा हुए। वे पाँच बच्चों के परिवार में तीसरे स्थान पर थे। उनका पहला नाम जैकी था, लेकिन बाद में उन्होंने अधिक औपचारिक नाम ज़ाक अपना लिया।<ref>[http://books.guardian.co.uk/obituaries/story/0,11617,1324460,00.html Obituary in ''द गार्डियन''] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20080129031749/http://books.guardian.co.uk/obituaries/story/0,11617,1324460,00.html |date=29 जनवरी 2008 }}, accessed August 2, 2007.</ref> उनका यौवन अल्जीरिया के एल-बियार में बीता।
 
वहाँ के फ्राँसिसी प्रशासकों ने देरिदा को 1942 में उनके स्कूल जाने के पहले दिन ही [[Vichy France|विचे]] सरकार की यहूदियो के प्रति भेदभाव की नीति अपनाते हुये निष्कासित कर दिया था। उन्होंने विस्थापित यहूदी अध्यापकों और विद्यार्थियों द्वारा आरम्भ किये स्कूल जाने के बजाये एक वर्ष के लिए गोपनीय तरीके से स्कूल से अनुपस्थित रहना अधिक बेहतर समझा। इस बीच कईं फुटबाल प्रतियोगिताओं में भाग लेते हुए – वे एक व्यवसायिक खिलाड़ी बनने का सपना संजोय थे – वे रूसो, अल्बर्ट कामू, फ्रेदरिक नीत्सचे और आन्द्रे ज़ीड जैसे दार्शनिकों और लेखकों को पढ़ते रहे। उन्होंने दर्शन शास्त्र के विष्य में गम्भीरता से लगभग 1948 और 1949 में सोचना शुरू किया। वे पेरिस के लुई-ल-ग्राँद स्कूल में विद्यार्थी बनें, जहाँ जाना उन्हें अच्छा नहीं लगा। 1951–52 में अपने स्कूल के अध्ययन वर्ष के अन्त में वे इकोल नोरमेल सुपेरियर की प्राम्भिक परीक्षा में तीसरे प्रयास में ही सफल हो पाये।