"जे॰ जे॰ थॉमसन": अवतरणों में अंतर

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'''जोसेफ़ जॉन थॉमसन''' (१८ दिसम्बर १८५६ - ३० अगस्त १९४०)}<ref name="frs">{{Cite journal | last1 = Rayleigh | doi = 10.1098/rsbm.1941.0024 | title = Joseph John Thomson. 1856-1940 |trans-title= जोसेफ़ जॉन थॉमसन। १८५६-१९४० | journal = [[ओबीचरी नोटिसेस ऑफ़ फेल्लोव्स ऑफ़ द रॉयल सोसाइटी]] | volume = 3 | issue = 10 | pages = 586–609 | year = 1941 | pmid = | pmc = |language=अंग्रेज़ी}}</ref> अंग्रेज़ भौतिक विज्ञानी थे। वो [[रॉयल सोसायटी|रॉयल सोसायटी ऑफ़ लंदन]] के निर्वाचित सदस्य थे।<ref name=EBThomson>{{cite book |last1=थॉमसन |first1=सर जॉर्ज पेजेट |title=Sir J.J. Thomson, British Physicist |trans-title= सर जे॰जे॰ थॉमसन, ब्रितानी भौतिक विज्ञानी |publisher=एन्साइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका |url=http://www.britannica.com/EBchecked/topic/593074/Sir-JJ-Thomson |accessdate=२४ जनवरी २०१७ |language=अंग्रेज़ी |archive-url=https://web.archive.org/web/20150430032027/http://www.britannica.com/EBchecked/topic/593074/Sir-JJ-Thomson |archive-date=30 अप्रैल 2015 |url-status=live }}</ref>
एक विख्यात [[वैज्ञानिक]] थे। उन्हौंने [[इलेक्ट्रॉन]] की खोज की थी।
 
थॉमसन गैसों में बिजली के चालन पर अपने काम के लिए भौतिकी में 1906 नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किये गए।<ref name=Nobel1906>{{cite web|title=J.J. Thomson - Biographical|url=http://www.nobelprize.org/nobel_prizes/physics/laureates/1906/thomson-bio.html|website=The Nobel Prize in Physics 1906|publisher=The Nobel Foundation|accessdate=11 February 2015|archive-url=https://web.archive.org/web/20160117211455/http://www.nobelprize.org/nobel_prizes/physics/laureates/1906/thomson-bio.html|archive-date=17 जनवरी 2016|url-status=live}}</ref> उनके सात छात्रों में उनके बेटे जॉर्ज पेजेट थॉमसन सहित सभी भौतिक विज्ञान में या तो रसायन शास्त्र में नोबेल पुरस्कार विजेता बने।<ref>See [[Academic genealogy of theoretical physicists#Isaac Barrow|Academic genealogy of theoretical physicists]] for details.</ref> उनका रिकॉर्ड केवल जर्मन भौतिकशास्त्री अर्नाल्ड सोम्मेरफील्ड के बराबर है।
 
==जीवनी==
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१८९० में थॉमसन का विवाह रोस एलिजाबेथ पैगेट से हुआ जो सर जॉर्ज एडवर्ड पैगेट, केसीबी, एक चिकित्सक और चर्च ऑफ सेंट मेरी दि लेस में तत्कालीन रेज़ियस प्रोफ़ेसर ऑफ फिजिक्स ऑफ कैम्ब्रिज (चिकत्सा विज्ञान की एक प्रोफ़ेसरशिप) थे। [[एलिज़ाबेथ प्रथम|एलिजाबेथ]] और थॉमसन का एक बेटा, जॉर्ज पेगेट थॉमसन और एक बेटी जोआन पेगेट थॉमसन हुईं।
 
थॉमसन को १९०६ में नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया<ref>{{Cite web|url=https://www.nobelprize.org/prizes/physics/1906/summary/|title=The Nobel Prize in Physics 1906|website=NobelPrize.org|accessdate=14 मई 2019|archive-url=https://web.archive.org/web/20190530094043/https://www.nobelprize.org/prizes/physics/1906/summary/|archive-date=30 मई 2019|url-status=live}}</ref>, "गैसों से होकर विद्युत प्रवाह के प्रयोगात्मक परीक्षणों और संबंधित सैद्धान्तिक कार्यों की उच्च गुणवत्ता को देखते हुए"। इन्हें १९०८ में नाइटहुड प्राप्त हुई, १९१२ में ऑर्डर ऑफ मेरिट में नियुक्ति मिली और १९१४ में इन्होने "परमाणविक सिद्धान्त" (दि एटोमिक थ्योरी) पर [[ऑक्सफ़ोर्ड|ऑक्सफोर्ड]] में रोमान्सेस अभिभाषण दिया।
१९१८ में ये कैम्ब्रिज में मास्टर ऑफ ट्रिनिटी कॉलेज बनाये गए और जीवनपर्यन्त इस पद पर रहे। जोसेफ़ जॉन थॉमसन का देहान्त ३० अगस्त १९४० को हुआ; इनकी अस्थियाँ वेस्टमिन्स्टर ऍबे में, सर आइजक न्यूटन और थॉमसन के अपने शिष्य अर्न्स्ट रदरफ़ोर्ड की कब्रों के पास दफनाई गयी हैं।
 
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==विज्ञानी जीवन==
थॉमसन कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय तथा रॉयल इंस्टीट्यूशन, लंदन में भौतिक विज्ञान के प्रोफेसर मानद प्रोफेसर रहे। परमाणु संरचना में थॉमसन की विशेष रुचि थी।मोशन ऑफ़ वोरटेक्स रिंग्स पर १९८४ में एडम्स पुरस्कार मिला।१८९६ में थॉमसन अपनी नवीन खोजों से सम्बंधित व्याख्यान देने के लिए अमेरिका गए। वर्ष १९०४ में पुनः विद्युत् पर येल विश्वविद्यालय में छह व्याख्यान देने के लिए अमेरिका गए। <ref>{{Cite web|url=https://www.nobelprize.org/prizes/physics/1906/thomson/biographical/|title=The Nobel Prize in Physics 1906|website=NobelPrize.org|accessdate=14 मई 2019|archive-url=https://web.archive.org/web/20190505190825/https://www.nobelprize.org/prizes/physics/1906/thomson/biographical/|archive-date=5 मई 2019|url-status=live}}</ref>
 
===प्रारम्भिक कार्य===
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थॉमसन ने विद्युत्-चुम्बकीकी पर प्रायोगिक और सैद्धान्तिक दोनों तरह के विभिन्न प्रपत्र प्रकाशित किये। उन्होंने [[जेम्स क्लर्क मैक्सवेल]] की [[प्रकाश का विद्युतचुम्बकीय सिद्धान्त|प्रकाश के विद्युतचुम्बकीय सिद्धान्त]] का प्रायोगिक अध्ययन किया, उन्होंने आवेशित कणों के विद्युत्-चुम्बकीइय द्रव्यमान की अवधारणा को प्रतिपादित किया और सिद्ध किया कि गतिशील आवेशित पिण्ड अधिक द्रव्यमान प्रदर्शित करता है।<ref name=Leadership/>
 
उनका राशायनिक प्रक्रियाओं का गणितीय प्रतिरूपण में अधिकतर कार्य शुरूआती [[अभिकलनात्मक रसायन]] के रूप में देखा जा सकता है।<ref name=chemheritage/>''ऍप्लिकेशन्स ऑफ़ डायनामिक्स टू फिजिक्स एंड केमिस्ट्री'' (२००८) (अनुवाद: गतिकी से भौतिकी और रसायन विज्ञान के अनुप्रयोग) के रूप में प्रकाशित आगे के कार्य में थॉमसन ने ऊर्जा के गणितीय और सैद्धान्तिक पदों में स्थानान्तरण को बताया जिसके अनुसार सभी तरह की ऊर्जा गतिज ऊर्जा हो सकती है।<ref name=Leadership/> उनकी वर्ष १८९३ में प्रकाशित अगली पुस्तक ''नोट्स ऑन रिसेंट रिसर्चेस इन इलेक्ट्रिसिटी एंड मैग्नेटिज़्म'' (अनुवाद: वैद्युत् और चुम्बकत्व में हाल ही के शोध पर प्रलेख), मैक्सवैल की ''ट्रीटीज़ अपॉन इलेक्ट्रिसिटी एंड मैग्नेटिज़्म'' (अनुवाद: वैद्युत् और चुम्बकत्व पर ग्रन्थ) पर आधारित थी जिसे कई बार "मैक्सवैल के तीसरे संस्करण" के रूप में माना जाता है।<ref name="Nobel1906"/> इसमें थॉमसन ने प्रायोगिक विधियों और विस्तृत चित्रों एवं उपकरणों को शामिल करते हुये, गैसों से विद्युत पारण को समाहित करने को महत्त्व दिया।<ref name=Leadership/> उनकी १८९५ में प्रकाशित तीसरी पुस्तक [https://web.archive.org/web/20150522033311/http://catalog.hathitrust.org/Record/001985977 ''एलिमेंट्स ऑफ़ द मैथमेटिकल थ्योरी ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी एंड मैग्नेटिज़्म (अनुवाद: वैद्युत् और चुम्बकत्व के गणितीय सिद्धान्त के तत्व)''] विस्तार से विभिन्न विषयों के परिक्षय के रूप में पठनीय सामग्री प्रदान की और पाठ्यपुस्तकों के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण लोकप्रियता प्राप्त की।<ref>{{cite journal|author=Mackenzie, A. Stanley|authorlink=Arthur Stanley Mackenzie|title=Review: ''Elements of the Mathematical Theory of Electricity and Magnetism'' by J. J. Thomson|journal=Bull. Amer. Math. Soc.|year=1896|volume=2|issue=10|pages=329–333|url=http://www.ams.org/journals/bull/1896-02-10/S0002-9904-1896-00357-8/S0002-9904-1896-00357-8.pdf|doi=10.1090/s0002-9904-1896-00357-8|access-date=25 जनवरी 2017|archive-url=https://web.archive.org/web/20160304085220/http://www.ams.org/journals/bull/1896-02-10/S0002-9904-1896-00357-8/S0002-9904-1896-00357-8.pdf|archive-date=4 मार्च 2016|url-status=live}}</ref><ref name=Leadership/>
 
थॉमसन ने [[प्रिंसटन विश्वविद्यालय]] में वर्ष १८९६ में चार व्याख्यानों की शृंखला रखी जो वर्ष १८९७ में ''डिसचार्ज ऑफ़ इलेक्ट्रीसिटी थ्रो गैसेस'' (अनुवाद: गैसों में विद्युत् विसर्जन) के रूप में प्रकाशित हुई। थॉमसन ने वर्ष १९०४ में [[येल विश्वविद्यालय]] में छः व्याख्यानों की शृंखला प्रस्तुत की।<ref name="Nobel1906"/>
 
===इलेक्ट्रॉन की खोज===
विभिन्न वैज्ञानिकों, जैसे [[विलियम प्राउट]] और [[नॉर्मन लॉकयर]] ने यह सुझाव दिया कि परमाणु कुछ अन्य मूलभूत इकाइयों से मिलकर बना हुआ है, लेकिन उन्होंने इसे लघुतम आकार वाले परमाणु, हाइड्रोजन से मिलकर बना हुआ मानने लगे। थॉमसन ने वर्ष १८९७ में पहली बार सुझाव दिया कि इसकी मूलभूत इकाई परमाणु के १००० वें भाग से भी छोटी है। इस तरह उन्होंने अपरमाणुक कण का सुझाव दिया जिसे आज इलेक्ट्रॉन के नाम से जाना जाता है। थॉमसन ने यह कैथोड़ किरणों के गुणधर्मों पर अन्वेषण करते हुये पाया। थॉमसन ने ३० अप्रैल १८९७ को पहली अपनी खोज में पाया कि कैथोड़ किरणें (उस समय इन्हें लेनार्ड किरणों के नाम से जाना जाता था) हवा में परमाणु-आकार वाले कणों से कई गुणा अधिक तेजी से गति कर सकती हैं।<ref name="referenceB">J.J. Thomson (1897) [https://books.google.com/books?id=vBZbAAAAYAAJ&pg=PA104#v=onepage&q&f=false "Cathode Rays"] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20161201111104/https://books.google.com/books?id=vBZbAAAAYAAJ&pg=PA104#v=onepage&q&f=false |date=1 दिसंबर 2016 }}, ''The Electrician'' 39, 104</ref>
 
==पुरस्कार और पहचान==
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वर्ष १९९१ में, उनके सम्मान में [[द्रव्यमान स्पेक्ट्रममिति|द्रव्यमान वर्णक्रममाप]] में द्रव्यमान-आवेश अनुपात के रूप में [[थॉमसन (इकाई)|थॉमसन]] (प्रतीक: Th) प्रस्तावित किया गया।<ref>{{cite journal|title=The 'Thomson'. A suggested unit for mass spectroscopists|journal=[[रैपिड कम्युनिकेशन इन मास स्पेक्ट्रोमेट्री]]|year=1991|first=R. G.|last=Cooks|author2=A. L. Rockwood|volume=5|issue=2|page=93}}</ref>
 
उनकी याद में [[कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय]] परिसर में जे॰जे॰ थॉमसन अवेन्यू का नामकरण किया गया।<ref>{{cite web|url=http://www.cambridgenetwork.co.uk/news/cambridge-physicist-is-streets-ahead/|title=Cambridge Physicist is streets ahead|accessdate=2014-07-31|date=2002-07-18|archive-url=https://web.archive.org/web/20170202024535/http://www.cambridgenetwork.co.uk/news/cambridge-physicist-is-streets-ahead/|archive-date=2 फ़रवरी 2017|url-status=live}}</ref>
 
नवम्बर १९२७ में, जे॰जे॰ थॉमसन ने अपने सम्मान में, लेज स्कूल, कैम्ब्रिज में थॉमसन इमारत खोली।<ref>{{cite web|url=https://www.theleys.net/about-us/history/thomson-building|title=Opening of the New Science Building: Thomson|accessdate=2015-01-10|date=2005-12-01|archive-url=https://web.archive.org/web/20150111042826/https://www.theleys.net/about-us/history/thomson-building|archive-date=11 जनवरी 2015|url-status=dead}}</ref>
 
== इन्हें भी देखें ==