"द साड़ी शॉप": अवतरणों में अंतर

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| टिप्पणियाँ = [[साहित्य अकादमी पुरस्कार]] ([[साहित्य अकादमी पुरस्कार अंग्रेज़ी|अंग्रेज़ी]]) २००६
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''''' द साड़ी शॉप ''''' [[अंग्रेज़ी भाषा]] के विख्यात साहित्यकार [[रूपा बाजवा]] द्वारा रचित एक [[उपन्यास]] है। ये लेखिका बाजवा का प्रथम उपन्यास जो २००४ मे प्रकाशीत हुआ। इनके लिये उन्हें सन् २००६ में अंग्रेज़ी भाषा के लिए [[साहित्य अकादमी पुरस्कार]] से सम्मानित किया गया।<ref name="sa">{{cite web |url= http://sahitya-akademi.gov.in/sahitya-akademi/awards/akademi%20samman_suchi_h.jsp#angregi |title= अकादेमी पुरस्कार (1955-2016) |date= १ अगस्त २०१७ |author= |work= [[साहित्य अकादमी]] |accessdate= १८ सितम्बर २०१७ |archive-url= https://web.archive.org/web/20160915135020/http://sahitya-akademi.gov.in/sahitya-akademi/awards/akademi%20samman_suchi_h.jsp#angregi |archive-date= 15 सितंबर 2016 |url-status= dead }}</ref>
 
== कथानक ==
रामचंद एक गरीब अशिक्षित है जो अमृतसर, पंजाब के सेवक साड़ी सदन में सहायक के रूप में काम करता है। अपने माता-पिता की मृत्यु के बाद, उसे अपने गरीब चाचा ने संभाला और परिवार की चुनौतीपूर्ण आर्थिक स्थिति के कारण उसे स्कूल छोड़ना पड़ता है। वह साड़ी की दुकान में नौकरी करता है और उनकी जिंदगी अकेलेपन से भरी होती है। वह नियमित आधार पर अमीर ग्राहकों का सामना करता हैं, जो अपनी संपत्ति और अंग्रेजी में बोलकर अपनी शिक्षा को दिखाते हैं। अपनी कड़ी मेहनत से प्रभावित, उसे ग्राहकों के घरों मे विविध प्रकार की साड़ियों की बिक्री का काम भी दिया जाता है। इस तरह के एक अवसर पर वह कपूरों के भव्य घर तक पहुंचते हैं, जहां उनकी बेटी रीना शादी करने वाली है। अंग्रेजी के लिए रामचंद का जुनून जाग उठता है और वह एक पुरानी व्याकरण की किताब, ''[[ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी]]'', एक जोड़ी मोज़े और [[लाइफबॉय (साबून)|लाइफबॉय साबुन]] खरीदता है। ये वो चार चीजें होती हैं जो बचपन से किसी तरह उसे लगती कि उसका जीवन बदल देगी। रामचंद रीना की शादी में घुस जाता है, जहां उसे नीच दिखाते उसकी अंग्रेजी सीखने की इच्छा को तुच्छ कहते है।
 
एक मौके पर, रामचंद अपने सहयोगी के घर पहुंता है जहां उसकी पत्नी कमला नशे में होती है। वो पड़ोसियों से कमला की जिंदगी की कहानी जान लेता है। अपने परिवार को खोने के बाद वह अकेले अपने पति के साथ अकेली रहती है, जो कि एक दुर्व्यवहारी और शराबी है। निराशा में एक दिन वह अपने पति के शराब का आसरा लेती है और खुद शराबी हो जाती है। कमला नियमित रूप से नशे में इलाके में परेशानी पैदा करती है और इसलिए पुलिस उसे गिरफ्तार करते है जहां दो पुलिसकर्मि उस पर बलात्कार करते है। घटना से प्रभावित, रामचंद दुकान में कहर पैदा करते हुए अमीर ग्राहकों को अपमानित करते हैं और इसलिए नौकरी से निकाल दिया जाता है। वह कमला की मदद करते हुए अमीर, शक्तिशाली और भ्रष्टों के खिलाफ विद्रोह का फैसला करता है। उसे फिर पता चलता है कि एक अमीर परिवार के आदेश पर एक रात कमला की हत्या कर दी गई थी। रामचंद खुद को अपने जीवन की स्थितियों को बदलने और चुनौती देने में असमर्थ होने के लिए असहाय और निराश्रित पाता है। वह साड़ी की दुकान पर लौट जाता है और अपनी नौकरी की मांग करता है और अपने नियमित उबाऊ जीवन के साथ जारी रहता है।<ref>{{cite web | url=http://indiatoday.intoday.in/story/book-review-of-rupa-bajwas-the-sari-shop/1/196127.html | title=Song of a salesman | work=इंडिया टुडे | date=३ मई २००४ | accessdate=१९ सितंबर २०१७ | archive-url=https://web.archive.org/web/20171016094952/http://indiatoday.intoday.in/story/book-review-of-rupa-bajwas-the-sari-shop/1/196127.html | archive-date=16 अक्तूबर 2017 | url-status=live }}</ref><ref>{{cite web | url=https://www.publishersweekly.com/978-0-393-05922-9 | title=Fiction Book Review: The Sari Shop | work=पब्लिशर्स वीकली | date=२४ मई २००४ | accessdate=१९ सितंबर २०१७}}</ref>
 
== प्रकाशन और समीक्षा ==
[[चित्र:Rupa Bajwa, Author.jpg|thumb|right|200px|लेखिका [[रूपा बाजवा]] ]]
लेखिका रूपा बाजवा ने पहले इस कथानक पर एक छोटी कहानी लिखी थी और बाद में इसे एक पूर्ण उपन्यास में विकसित किया। उपन्यास पर काम करने के लिए शांतिपूर्ण स्थान तलाशने के लिए बाजवा ने अक्सर विभिन्न शहरों में कमरे किराए पर लिए थे। वह उपन्यास टाइप करने के लिए कंप्यूटर किराए पर लेती और काम करती थी।<ref>{{cite web | url=http://www.the-south-asian.com/june2004/rupabajwa.htm | title=Rupa Bajwa's 'The Sari Shop' | work=द् साउथ एशियन | date=२००४ | accessdate=१९ सितंबर २०१७ | author=संजय | archive-url=https://web.archive.org/web/20180510185701/http://www.the-south-asian.com/june2004/rupabajwa.htm | archive-date=10 मई 2018 | url-status=live }}</ref>
 
हालांकि पुस्तक वंचित वर्ग के बारे में है, समीक्षकों ने उल्लेख किया है कि बाजवा ने उनकी दुखी स्थितियों, उनकी आर्थिक कठिनाइयों और अमीरों द्वारा उनके उत्पीड़न पर ध्यान केंद्रित नहीं किया है।<ref>{{cite web | url=http://www.independent.co.uk/arts-entertainment/books/reviews/the-sari-shop-by-rupa-bajwathe-last-song-of-dusk-by-siddharth-dhanvant-shanghvi-55245.html | title=The Sari Shop by Rupa Bajwa; The Last Song of Dusk by Siddharth Dhanvant Shanghvi | work=इंडिपेंडेंट | date=८ अप्रेल २००४ | accessdate=19 सितंबर 2017 | author=आमेर हुसेन}}</ref> बाजवा को इस उपन्यास के लिए २००६ में [[साहित्य अकादमी पुरस्कार अंग्रेज़ी |अंग्रेज़ी भाषा]] का [[साहित्य अकादमी पुरस्कार]] मिला।<ref name="sa"/>